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वोट देने के बाद कैसे होती है आपके वोटों की गिनती

चुनाव आयोग की ओर से मतदान के दिन से लेकर मतों की गणना तक कई अहम सुरक्षा कदमों को उठाया जाता है जिससे आपका मत सुरक्षित रहे और उसकी गणना सहीं तरिके से हो सके।

वोट देने के बाद कैसे होती है आपके वोटों की गिनती
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सोमवार को महाराष्ट्र की सभी लोकसभा सीटों के लिए चुनाव संपन्न हो गए।   इसके साथ ही आपका वोट भी ईवीएम मशीनों में बंद हो गया है।  मतदान की गणना 23 मई को की जाएगी।  लेकिन क्या आप जानते है की आपके मत देने के बाद से आपको मतों की गिनती होने तक कौन कौन सी प्रक्रिया  का पालन किया जाता है? चुनाव आयोग की ओर से मतदान के दिन से लेकर मतों की गणना तक कई अहम सुरक्षा कदमों को उठाया जाता है जिससे आपका मत सुरक्षित रहे और उसकी गणना सहीं तरिके से हो सके।

मतदान के बाद ईवीएम सील
मतदान खत्म होने के बाद ईवीएम मशीनों को पूरी तरह से सील कर दिया जाता है। मतदान का समय खत्म होने के बाद सिर्फ चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित व्यक्ति को ही ईवीएम मशीन के पास जान दिये जाता है और ईवीएम मशीन को पूरी तरह से सील कर दिया जाता है ताकी उसके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ ना हो सके। 

सुरक्षा रक्षकों के बीच पहुंचाया जाता है स्ट्रांग रुम
इवीएम को पूरी तरह से सील करने के बाद भारी सुरक्षा रक्षको के बीच इवीएम मशीनों को   स्ट्रांग रूम में रखा जाता है।   स्ट्रांग रूम वह जगह या कमरा होता जहां पर वोटिंग के बाद इवीएम मशीनों को मतगणना की तारीख तक एक साथ रखा जाता है। इस स्ट्रांग रुम के चारो तरफ मतगणना तक भारी सुरक्षा बंदोबस्त तैनात किया जाता है। चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित व्यक्ति के अलावा कोई भी दूसरा व्यक्ती इस रुम में नहीं जा सकता है।


स्ट्रांग रुम हो जाता है सील
ईवीएम मशीनो को स्ट्रांग रुम में रखने के बाद जिला प्रशासन स्ट्रांग रुम को पूरी तरह से सील कर देता है।  इस सील को मतगणना के समय ही खोला जाता है।  साथ ही ईवीएम सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को कड़ी निगरानी के लिए तैनात कर दिया जाता है।

मतगणना के लिए ईवीएम को एक जगह लाना
मतगणना के दिन स्ट्रांग रुम से ईवीएम मशीनों को मतगणना की जगह पर लाया जाता है।  स्ट्रांग रुम से लेकर मतगणना के जगह तक इवीएम मशीनो को लाने के लिए कड़ी सुरक्षा बंदोबस्त का इस्तेमाल किया जाता है। सुरक्षा बलों के साथ साथ कई बार जज और  गनमैन  को भी इवीएम मशीनो को मतगणना केंद्र तक लाने की प्रक्रिया में शामिल किया जाता है। 

मतों की गिनती
चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित अधिकारियों और कर्मचारियों की मदद से मतों की गिनती की जाती है।  मतगणना केंद्र पर ही इवीएम मशीन की सील खोली जाती है। अगर मतगणना केंद्र में पहुचने के पहले ईवीएम मशीन की सील खुली हुई रहती है तो उस ईवीएम में कैट वोट को निरस्त कर दिया जाता है। सुरक्षा रक्षको के बीच मतों की गिनती की जाती है और हर एक राउंकी गिनती के बाद परिणाम घोषित किये जाते है।  

परिणाम घोषित होने के बाद भी स्ट्रांग रूम में रहते है ईवीएम
मतदान के परिणाम घोषित होने के बाद भी  ईवीएम मशीनों को  स्ट्रांग रुम में रखा जाता है।   ईवीएम मशीनों कोस्ट्रांग रूम में 45 दिन तक जमा किया जाता है।   हालांकी वीवीपीएटी मशीन को 45 दिनों तक नहीं रखा जाता है सिर्फ ईवीएम मशीन को ही रखा जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है की अगर किसी उम्मीदवार को ईवीएम से संबंधित कोई शिकायत हो या फिर मतगणना से संबंधित कोई शिकायत हो तो उसका निपटान किया जा सके।  

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