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मनसे साबित होगी कांग्रेस के लिए संजीवनी!

राज ठाकरे ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस -एनसीपी के समर्थन का एलान किया है

मनसे साबित होगी कांग्रेस के लिए संजीवनी!
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भले ही इस बार लोकसभा चुनाव ना लड़ने का फैसला किया है लेकिन मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा की इस बार केंद्र से नरेंद्र मोदी और अमित शाह बाहर करना है।  भले ही मनसे लोकसभा चुनाव ना लड़ रही हो लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर उसने एनसीपी और कांग्रेस को समर्थन दे दिया है।  कार्यकर्ताओं से राज ठाकरे ने अपील की है की नरेंद्र मोदी सरकार के झूठे आश्वासनों की पोल खोलने के लिए वह लोगों के बीच में जाए और बीजेपी सरकार की सच्चाई लोगों को बताए। 

पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर साधा है निशाना

मनसे ने बड़े ही आक्रामक तरिके से बीजेपी पर हमला करना शुरु कर दिया है। राज्य सरकार के साथ साथ मनसे ने केंद्र सरकार को भी अपने आड़े हाथों लिया है। राज ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में तो यहां तक कहा दिया है की उन्होने अपनी पूरी जिंदगी में इतना बड़ा झूठा पीएम नहीं देखा है। भले ही बीजेपी राज ठाकरे को नजरअंदाज करती दिख रही हो लेकिन उसे भी पता है की अगर मनसे का वोट बैंक कांग्रेस और एनसीपी की ओर जाता है तो राज्य में उसे बड़ा नुकसान हो सकता है। कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के वोटों पर नज़र गड़ाए हुए हैं जो उन्हें सीटें जीतने में मदद कर सकती हैं और साथ ही मार्जिन भी बढ़ा सकती हैं।

मुंबई और आस-पास की सीटों पर महत्वपूर्ण वोट

2009 के लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे ने मुंबई और आस-पास की सीटों पर महत्वपूर्ण वोट हासिल करते हुए लोकसभाचुनाव लड़ा। वास्तव में, दक्षिण मुंबई में, उनकी पार्टी के उम्मीदवार बाला नंदगांवकर को 1.69 लाख वोट मिले, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार मिलिंद देवड़ा को 2.72 लाख वोट मिले। अगर इन दोनों के ही वोट बैंक को मिला दिया जाए तो वोटरो का एक बड़ा आकड़ा कांग्रेस की ओर जाता दिख रहा है।

शिवसेना के वोट बैंक में सेंधमारी
साल 2009 में भले ही मनसे ने एक भी लोकसभा सीट नहीं जीती लेकिन शिवसेना के वोट बैंक में सेधमारी कर कांग्रेस और एनसीपी को सारी सीटें जीतने में मदद की। मिलिंद देवड़ा के अलावा , विजयी उम्मीदवारों में उत्तरी मुंबई में संजय निरुपम, उत्तर पश्चिम में गुरुदास कामत, उत्तर पूर्व में संजय दीना पाटिल (एनसीपी), उत्तर मध्य में प्रिया दत्त, दक्षिण मध्य में एकनाथ गायकवाड़ शामिल थे।

हालांकी समय के साथ साथ मनसे ने अपने मतादाताओं को भी खोया है। जहां 2009 के लोकसभा चुनाव में बाला नंदगांवकर को 1.69 लाख वोट मिले थे तो वही 2014 के लोकसभा चुनाव में बाला नांदगांवकर को 84,773 वोट मिले। 2014 में उत्तर पश्चिम से एमएनएस के उम्मीदवारों महेश मंजरेकर ने 66,088 वोट हासिल किए, उत्तर मध्य में आदित्य शिरोडकर को 73,093 वोट मिले, कल्याण में प्रमोद पाटिल को 1.22 लाख वोट मिले, भिवंडी में सुरेश म्हात्रे को वोट मिले। 94,647 वोट, ठाणे में अभिजीत पानसे को 48,863 और पुणे में दीपक पाइगुडे को 63,000 वोट मिले।


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