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रतन के 'टाटा' के बाद राष्ट्रपति पद के लिए स्वयंसेवक की खोज


रतन के 'टाटा' के बाद राष्ट्रपति पद के लिए स्वयंसेवक की खोज
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देश के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा का नाम राष्ट्रपति पद पर के लिए अब पिछड़ता जा रहा है। भारत के राष्ट्रपति पद पर रतन टाटा को विराजमान करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन टाटा पिछले कई महीनों से खराब स्वास्थ्य के चलते इस जवाबदारी को स्वीकार करेंगे क्या? यह सवाल उठ रहा है।

टाटा के विकल्प को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आगे की रणनीति बनानी शुरू कर दिया है। रतन टाटा नहीं तो उनकी जगह राष्ट्रपति पद पर उम्मीदवार के लिए पर्याय के रूप में स्वयंसेवक या फिर महिला का नाम हो सकता है। इस बारे में संघ और भाजपा एकमत होते दिख रहे हैं। ‘सेफगेम’ के रूप में विविध पर्याय की पड़ताल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा के नेतामंडली तैयार है। भाजपा में ‘पितामह’ की भूमिका निभाते लालकृष्ण आडवाणी के राष्ट्रपति पद पर विराजमान होने का सपना आज भी कायम है। आडवाणी के नाम पर भाजपा घटकपक्षों में सहमति नही है।

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वहीं राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का नाम भी सामने आ रहा है। सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को नई दिल्ली में हुए नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स (एनडीए) के स्नेहभोजन कम बैठक में एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के लिए लालकृष्ण आडवाणी, सुमित्रा महाजन के साथ विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, केंद्रीय समाजकल्याणमंत्री थावरचंद गेहलोत, ओडिशा के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नामों पर चर्चा हुई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार राष्ट्रपति के चुनाव में अपनी शक्ति का उपयोग जरूर करेंगे, हालांकि उन्हें इस दौड़ से बाहर माना जा रहा है।



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