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नागरिक संशोधन बिल को वोट देने पर शिव सेना ने दी सफाई, राहुल गांधी नाराज, एनसीपी का संतुलित बयान

इस बिल को लेकर शिव सेना राज्यसभा में सवाल उठाने की बात कर रही है। इस बिल को वोट देने पर राहुल गांधी खफा बताए जाते हैं जबकि एनसीपी ने संतुलित बयान दिया है।

नागरिक संशोधन बिल को वोट देने पर शिव सेना ने दी सफाई, राहुल गांधी नाराज, एनसीपी का संतुलित बयान
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नागरिकता संशोधन विधेयक सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। लोगों की अपेक्षाओं के खिलाफ जाकर इस बिल को पास कराने में शिव सेना ने भी अपना समर्थन दिया था। लेकिन मंगलवार को इस बिल को लेकर फिर से अपने रुख में बदलाव कर लिया है। अब शिव सेना राज्यसभा में सवाल उठाने की बात कर रही है। इस बिल को वोट देने पर राहुल गांधी खफा बताए जाते हैं जबकि एनसीपी ने संतुलित बयान दिया है।

मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए शिव सेना के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, 'जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम बिल का समर्थन नहीं करेंगे। अगर कोई भी नागरिक इस बिल की वजह से डरा हुआ है तो उनके शक दूर होने चाहिए।वे भी हमारे नागरिक हैं, इसलिए उनके सवालों के भी जवाब दिए जाने चाहिए।' 

यही नहीं इस बिल को लेकर शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने मीडिया सेबात करते हुए कहा कि, हमनें राष्ट्रहित के लिए इस बिल का समर्थन किया है। सीएमपी (कॉमन मिनिमम प्रोग्राम) केवल महाराष्ट्र में लागू है।'

आपको बता दें कि यह बिल भले ही लोकसभा में पास हो गया है लेकिन अभी इसे राज्यसभा में पास होना जरुरी है। शिव सेना का कहना है कि वह राज्यसभा में अपना सवाल उठाएगी।

शिव सेना की सहयोगी पार्टी ने क्या कहा?
जहाँ एक तरफ  शिव सेना ने अपना वोट देकर इस बिल को पास कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तो वहीं दूसरी और महाराष्ट्र में उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी इस बिल के पास होने से खफा हैं।उन्होंने इस बिल को पास कराने के लिए वोट देने वाली पार्टियों पर हमला करते हुए कहा कि, जो कोई भी इसका समर्थन करता है वो हमारे देश की बुनियाद पर हमला और इसे नष्ट करने का प्रयास कर रहा है।' 

जबकि इस मुद्दे पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष और गठबंधन सरकार में मंत्री बाला साहेब थोराट का कहना है कि, शिवसेना ने सीधे समर्थन नहीं दिया है उनका भी कुछ सुझाव था।

तो वहीं महाराष्ट्र सरकार में शिव सेना की एक अन्य सहयोगी पार्टी एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा कि, 'थोड़े बहुत अंतर्विरोध तो होंगे ही जैसे बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच कई मुद्दों पर हैं।' 

क्या है बिल में?
आपको बता दें  नागरिकता संशोधन विधेयक के अनुसार भारत से सटे तीन मुस्लिम देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के द्वारा जो गैर हिंदू (हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) भारत आए हैं या आएंगे उन्हें अब आवेदन करने पर भारत की नागरिकता दी जा सकेगी।

पढ़ें: Citizen Amendment Bill: कांग्रेस खिलाफ, शिव सेना साथ

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