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स्थानीय चुनावों के लिए शिवसेना की जोरदार तैयारी

कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करने को दी हिदायत

स्थानीय चुनावों के लिए शिवसेना की जोरदार तैयारी
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राज्य में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी में शिवसेना ने पूरी ताकत झोंक दी है। शिवसेना संसदीय दल के नेता सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने चुनावों को लेकर विभाग स्तर पर बैठकों का सिलसिला शुरू किया है।(Shiv Sena gears up for local elections)

पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक 

मुंबई में सांसद  डॉ. श्रीकांत  शिंदे ने पश्चिम महाराष्ट्र के शिवसेना मंत्रियों, विधायकों, नेताओं और पदाधिकारियों की एक समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर चाहे कैसी भी स्थिति आए, शिवसेना पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। इस बैठक में शिवसेना के नेता रामदास कदम, आनंदराव अडसूळ, डॉ. नीलम गोर्हे, वरिष्ठ नेता मीनाताई कांबळी, शिवसेना सचिव भाऊसाहेब चौधरी, संजय मोरे और राम रेपाले मौजूद थे

31 जनवरी 2026 तक पंचायत समिति, जिला परिषद, नगर पालिका और महानगर पालिका चुनावों की प्रक्रिया पूरी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, राज्य में 31 जनवरी 2026  तक पंचायत समिति, जिला परिषद, नगर पालिका और महानगर पालिका चुनावों की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसी पृष्ठभूमि में, शिवसेना के मुख्य नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के निर्देशानुसार शनिवार को मुंबई में सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे की अध्यक्षता में पश्चिम महाराष्ट्र के पुणे, सोलापुर और सांगली जिलों के प्रमुख पदाधिकारी, जिल्हा प्रमुख, संपर्क प्रमुख और कार्यकर्ताओं की एक विस्तृत बैठक आयोजित की गई। बैठक में डॉ. शिंदे ने चुनावी रणनीति, स्थानीय मुद्दों और महायुती (गठबंधन) से जुड़े विषयों पर कार्यकर्ताओं और नेताओं की राय जानी।

कार्यकर्ताओं को दिया आदेश

सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने बैठक में पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि महायुती सरकार की योजनाएं और विकास कार्य ज़मीनी स्तर तक लोगों तक पहुँचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब सभी कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ काम में जुट जाएं।इससे पहले, पिछले तीन दिनों में उत्तर महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ के लिए विभाग स्तर पर बैठकें आयोजित की गई थीं। डॉ. शिंदे ने भरोसा जताया कि राज्य में होने वाले स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों में महायुती की ही जीत होगी।

मराठी आदमी के हित को लेकर उबाठा  पर निशाना साधते हुए पूछा सवाल

“जब मराठी लोग मुंबई से बाहर जा रहे थे, तब ये लोग कहाँ थे?” ऐसा  तीखा सवाल सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों में जब मुंबई का मराठी आदमी कल्याण, डोंबिवली, कर्जत और कसारा तक पलायन कर रहा था, तब किसी को उसकी याद नहीं आई। डॉ. शिंदे ने बताया कि मुख्यमंत्री रहते हुए एकनाथ शिंदे जी ने मुंबई के बीडीडी चाल, रमाबाई नगर पुनर्विकास प्रकल्प और बांद्रा के संक्रमण शिविर में रहने वाले मुंबईकरों की कई पुरानी समस्याएँ हल कीं। उन्होंने कहा कि महायुती सरकार उन मराठी लोगों को फिर से मुंबई में बसाने का काम कर रही है, जिन्हें मजबूरी में शहर छोड़ना पड़ा था। डॉ. शिंदे ने कहा कि मतदाता बहुत समझदार है, और जो लोग सिर्फ अपने परिवार को बचाने के लिए “मराठी मुद्दा” उठाते हैं, उनका अब मराठी जनता पर कोई असर नहीं होने वाला है।

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