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गुजराती बहुल इलाकों में शिवसेना आयोजित करेगी ‘रासगरबा’

गुजराती और मारवाड़ी परंपरागत रूप से BJP के वोटर्स माने जाते हैं। जिन पर शिवसेना सेंध लगाने की कोशिश कर रही है।

गुजराती बहुल इलाकों में शिवसेना आयोजित करेगी ‘रासगरबा’
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आगामी BMC चुनावों को देखते हुए, शिवसेना (shiv sena) ने गुजराती (gujrati) और मारवाड़ी मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए गुजराती और मारवाड़ी इलाको में रैलियां आयोजन कर रही है। गुजराती और मारवाड़ी परंपरागत रूप से BJP के वोटर्स माने जाते हैं। जिन पर शिवसेना सेंध लगाने की कोशिश कर रही है।

अभी हाल ही में जोगेश्वरी इलाके में गुजराती रैली के सफल आयोजन के बाद, अब शिवसेना ने 7 फरवरी को मलाड इलाके में एक और रैली का आयोजन करने का निर्णय लिया है। बता दें कि मालाड इलाका गुजराती बहुल इलाका है। इस कार्यक्रम में 21 गुजराती उद्यमी और व्यापारी शिवसेना में शामिल होंगे। बताया जाता है कि शिवसेना इस गुजराती बहुल इलाकों में रासगरबा का भी आयोजन करेगी।

अगले साल यानी 2022 में राज्य में 10 म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (municipal corporation) के चुनाव होने हैं। इन सब में देश की सबसे अमीर मुंबई महानगर पालिका (BMC) को बहुत प्रतिष्ठित माना जाता है। मुंबई नगर निगम मेंं पिछले कई सालों से शिवसेना का राज है। लेकिन हालिया चुनावो में इस तरह से BJP का जनाधार बढ़ा है उसे देखते हुए शिवसेना के माथे पर चिंता की लकीर उभर आई है। इसलिए अब वह BJP के कोर वोटरों को अपने पाले में लाने की कवायद में जुट गई है। जिसके लिए शिवसेना ने एक विशेष रणनीति बनाई है।

मुंबई शिवसेना के संगठक हेमराज शाह (hemraj shah) को गुजराती मतदाताओं को शिवसेना में लानेे का काम सौंपा गया है। जिसके अनुसार ही जोगेश्वरी में एक भव्य गुजराती मेला का आयोजन किया गया। इस मेला की टैग लाइन थी, 'मुंबई मा जलेबी ना फाफड़ा, उद्धव ठाकरे आपाड़ा'। शिवसेना ने इस मेले का आयोजन ओशिवारा में गुजरात भवन के नवनीत हॉल में किया था। इस मेले में 100 गुजराती व्यापारी उपस्थित थे, जिन्होंने शिवसेना में प्रवेश किया था।

इस मेले की सफलता के बाद, अब शिवसेना ने मलाड इलाके में एक और मेले का आयोजन करने का निर्णय लिया है। यह मेला 7 फरवरी को आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में, तमाम गुजराती उद्यमी और व्यापारी शिव सेना की सदस्यता ग्रहण करेंगे। यही नहीं, शिवसेना गुजराती बहुल इलाकों में रासगरबा का भी आयोजन करेगी।

गौरतलब है कि, पश्चिमी उपनगरों में अंधेरी, गोरेगांव, मलाड, कांदिवली, बोरीवली और दहिसर  जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में गुजराती-मारवाड़ी समुदाय के लोग रहते हैं। अपनी संख्या बल पर ये किसी भी चुनाव में निर्णायक सिद्ध हो सकते हैं, इसलिए शिवसेना ने इन मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए इस समुदाय पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

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