मंगलवार को शिवसेना की ओर से इस बात का ऐलान किया गया की आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर नहीं लड़ेगी। एनडीए की सबसे पुरानी साझेदार रही शिवसेना ने 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। शिवसेना की मंगलवार को हुई एक अहम बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया। तो वही एक अन्य फैसले में आदित्य ठाकरे को पार्टी के नेता पद पर नियुक्त किया गया है। आदित्य ठाकरे के साथ ही मनोहर जोशी और सुधीर जोशी को भी नेता पद पर कायम रखा गया है।
बता दें कि बालासाहेब ठाकरे के कार्यकाल में शिवसेनाप्रमुख के पद के बाद 'शिवसेना नेता' पद ही पार्टी में सबसे बड़ा पद रहा है। 'शिवसेना नेता' ही पार्टी की नीति निर्धारण में भाग लेते हैं।शिवसेना ने कहा कि उसने गठबंधन बनाए रखने के लिए हमेशा ही समझौता किया, लेकिन बीजेपी ने शिवसेना को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. शिवसेना अब गरिमा के साथ चल सकेगी। इसके लिए उन्होने आगामी चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है।
इसके साथ ही शिवसेना ने ये भी ऐलान किया की अब वह हर राज्य में चुनाव लड़ेगी। मुंबई के वर्ली में एनएससी ग्राउंड में मंगलवार को शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई , जिसमें ये फैसला लिया गया। शिवसेना युवा के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे को शिवसेना नेता चुना गया है,इस तरह आदित्य ठाकरे को शिवसेना में नंबर 2 की पोजिशन मिल गई है।
क्या कहा उद्धव ठाकरे ने-