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आने वाले दो महीने में महाराष्ट्र में आ सकता है राजनीतिक भूकंप- केंद्रीय मंत्री

आठवले ने भविष्यवाणी की कि, आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीती में फिर से राजनीतिक भूकंप आएगा और अगले दो महीनों में निश्चित रूप से कुछ बड़ा देखने को मिलेगा।

आने वाले दो महीने में महाराष्ट्र में आ सकता है राजनीतिक भूकंप- केंद्रीय मंत्री
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केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री (Union Minister of State) और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष (national president of the Republican Party of India) रामदास आठवले ने दावा किया है कि शिव सेना (shiv sena), कांग्रेस (congress) और एनसीपी (NCP) के दबाव में काम कर रही है। इसीलिए शिव सेना अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं कर पा रही है। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि, शिव सेना को CAA और NRC का समर्थन करना चाहिए। रामदास आठवले (ramdas athawale) रविवार को पुणे (pune) में RPI कार्यालय के उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्होंने वहीं पर आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए यह बातें कहीं।

क्या कहा आठवले ने?

रामदास आठवले ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा, शिव सेना ने अपनी विचारधारा छोड़ कर कांग्रेस से समझौता कर लिया है। इसीलिए इस गठजोड़ का मिट्टीपलीद हो रहा है। उन्होंने दावा करते हुए कहा,  यह सरकार ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी। उन्होंने भविष्यवाणी की कि, आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीती में  फिर से राजनीतिक भूकंप आएगा और अगले दो महीनों में निश्चित रूप से कुछ बड़ा देखने को मिलेगा।

उन्होंने कहा, इसके पहले अजित पवार (ajit pawar) और और देवेंद्र फडणवीस (devendra fadnavis) ने भूकंप लाया था, तब उद्धव ठाकरे हिल गए थे। अब कौन भूकंप लाएगा, इसका जल्द ही पता चल जायेगा और इस भूकंप से कोई न कोई जरूर हिलेगा।

आठवले ने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे (raj thackeray) की प्रशंसा की, उन्होंने राज ठाकरे को बधाई देते हुए कहा कि वह अप्रत्यक्ष रूप से CAA और NRC के समर्थन के लिए मोर्चा कर रहे हैं। 

आठवले ने स्पष्ट किया कि, CAA से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी, यह नागरिकता देने वाला कानून है न कि छिनने वाला। इसीलिए इस कानून से मुस्लिमो को नहीं डरना चाहिए।

रामदास अठावले ने एल्गार मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि एल्गार परिषद मामले में  कुछ लोगों को बचाने के लिए नहीं बल्कि बचे लोगों को पकड़ने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा गया है। 

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