मुख्यमंत्री ने यह कहा कि सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने के लिए गंभीर कदम उठाएगी जो अदालत में और कानून के दायरे में मान्य है। मुख्यमंत्री ने कहा, आगामी दिवाली और छात्रों की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, मैं सभी प्रदर्शनकारियों से अब अपना आंदोलन वापस लेने की अपील करता हूं। (Start taking serious steps to give reservation to Marathas who can stand in court Chief Minister Eknath Shinde)
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दो महीने में राज्य भर के कुनबी रिकॉर्ड की जांच करके मराठा समुदाय को प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश सभी कलेक्टरों और प्रशासन को दिए जाएंगे और इसके लिए विशेष रूप से अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें बनाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मनोज जारांगे पाटिल से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में जस्टिस मारोती गायकवाड़, जस्टिस सुनील शुक्रे, वकील हिमांशु सचदेव और अन्य कानूनी विशेषज्ञ शामिल थे। इसके अलावा, मेरे सहयोगी संदीपन भुमरे, धनंजय मुंडे, अतुल सावे, उदय सामंत, बच्चू कडू, नारायण कुचे ने भी जारांगे पाटिल से इस अनशन को समाप्त करने के लिए बातचीत की।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैंने पिछले दिनों जारांगे से बात की थी, मैंने उनसे कहा कि सरकार कानून के दायरे में स्थायी आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। कुनबी रिकार्ड मिलते ही हमने तुरंत उसकी जांच कर प्रमाण पत्र जारी करना शुरू कर दिया है। बड़ी बात यह है कि अब तक 13 हजार 514 रिकार्ड मिल चुके हैं।
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