Advertisement

विधानसभा की मतदाता सूची में परिवर्तन का विषय राज्य चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं - राज्य चुनाव आयुक्त

चुनाव में किसी भी तरह की कोई भी गड़बड़ी न हो इसे लेकर कई पार्टियों के प्रतिनिधियो ने चुनाव आयोग से मुलाकात की थी

विधानसभा की मतदाता सूची में परिवर्तन का विषय राज्य चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं - राज्य चुनाव आयुक्त
SHARES

राज्य चुनाव आयुक्त दिनेश वाघमारे ने स्पष्ट किया कि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए उपयोग किए जाने वाले विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में नए नाम जोड़ने, नाम हटाने या अन्य परिवर्तन करने का विषय राज्य चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।(The matter of change in the voter list of the Legislative Assembly is not within the jurisdiction of the State Election Commission says State Election Commissioner)

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की आयोग कार्यालय में बैठक

राज्य निर्वाचन आयोग में पंजीकृत मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की आयोग कार्यालय में बैठक हुई। वे इस अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव सुरेश काकानी और विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।

दिनेश वाघमारे ने बताया कि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए लागू अधिनियमों के प्रावधानों के अनुसार, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की सूची स्थानीय निकायों के सभी चुनावों में यथावत उपयोग में लाई जाती है। इसके लिए एक अधिसूचित तिथि निर्धारित की जाती है। इन चुनावों के लिए इस समय निर्धारित 1 जुलाई 2025 की अधिसूचित तिथि को विद्यमान विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूचियों का उपयोग किया जाएगा। 

सुधार हेतु आपत्तियाँ और सुझाव करा सकते है दर्ज

वार्डवार मतदाता सूचियाँ तैयार करते समय, मतदाताओं के नाम और पते विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की सूची के अनुसार ही मतदाता सूचियों में दर्ज किए जाते हैं। मतदाता, मतदाता सूचियों के विभाजन के समय लिपिक द्वारा की गई गलतियों, मतदाता की गलती से वार्ड परिवर्तन, विधानसभा सूची में नाम होने के बावजूद वार्ड सूची में नाम न होने आदि के संबंध में सुधार हेतु आपत्तियाँ और सुझाव दर्ज करा सकते हैं।

बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने मुख्य प्रचारकों की संख्या और उम्मीदवारों के चुनाव खर्च में वृद्धि की मांग की। तदनुसार, राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा घोषित मुख्य प्रचारकों की संख्या की सीमा 20 से बढ़ाकर 40 करने पर विचार किया जाएगा और उम्मीदवारों के चुनाव खर्च में उचित वृद्धि के संबंध में आयोग भी उचित निर्णय लेगा।

चुनाव की तैयारियां शुरू 

चुनाव की तैयारियों की जानकारी देते हुए, सुरेश काकानी ने बताया कि राज्य के सभी 29 नगर निगमों, 246 नगर परिषदों, 42 नगर पंचायतों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के चुनावों की तैयारियाँ चल रही हैं। 

यह भी पढ़ें- कांग्रेस नेताओं ने सर्वसम्मति से आलाकमान से बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने की मांग की

संबंधित विषय
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें