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मुख्यमंत्री कार्यालय अब लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र में , सरकार ने लगाई मुहर

लोकपाल कानून को लेकर अन्ना हजारे 30 जनवरी से आंदोलन कर रहे है

मुख्यमंत्री कार्यालय अब लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र में , सरकार ने लगाई मुहर
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राज्य सरकार ने आखिरकार मुख्यमंत्री कार्यालय को लोकायुक्त के अधिकार क्षेत्र में लाकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की मांग को पूरा किया। इसके साथ ही लोकायुक्त को अब मुख्यमंत्री से पूछताछ करने के अधिकार मिल गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त, लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त नियुक्त करने की प्रक्रिया में सभी समावेशी और पारदर्शिता लाने का भी निर्णय लिया गया है।

मंत्री और विपक्षी नेता भी दायरे 

जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा, “मुख्यमंत्री के अलावा, मंत्रियों और विपक्षी नेताओं को भी लोकायुक्त के दायरे में लाया जाएगा। भ्रष्टाचार मुक्त शासन सुनिश्चित करने के लिए यह एक बहुत अच्छा कदम है” । राज्य में लोकायुक्त भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर किसी भी मामले की जांच कर सकता है या करवा सकता है, अगर शिकायत या मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ हो।

महाराष्ट्र पहला ऐसा राज्य था, जिसने 1971 में लोकायुक्त और उप लोकायुक्त कानून के जरिए लोकायुक्त संस्था की शुरुआत की थी।एक अन्य फैसले में, मंत्रिपरिषद ने सीसीटीवी निगरानी परियोजना के हिस्से के रूप में मुंबई में अतिरिक्त 5,625 सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने के लिए 323 करोड़ रुपये के अनुदान को मंजूरी दी।

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