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BMC Elections- बीएमसी चुनाव में अभी और हो सकती है देरी

महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित किया कि वह मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम वार्ड चुनाव के संबंध में परिसीमन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाएगी।

BMC Elections- बीएमसी  चुनाव में अभी और हो सकती है देरी
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मुंबई में होनेवाले बीएमसी चुनाव ( BMC Elections) मे अभी और भी समय लग सकता है।  बुधवार को इस मामले की बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित किया कि वह मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम वार्ड चुनाव के संबंध में परिसीमन प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाएगी। कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अब 20 दिसंबर को होगी।  

सरकारी वकील विक्रम नानकजी और ज्योति चव्हाण ने जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और एएस डॉक्टर की खंडपीठ के समक्ष एक पत्र प्रस्तुत किया जो 22 नवंबर को नगर आयुक्तों  को जारी किया गया था। पत्र में लिखा है की नगर निगमों के आगामी आम चुनावों के लिए जिनकी अवधि समाप्त हो चुकी है और जिनका कार्यकाल निकट भविष्य में समाप्त हो रहा है अगली जनगणना के अनुसार वार्डों की संख्या/संरचना निर्धारित करने के लिए तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।"

कोर्ट  8 अगस्त के अध्यादेश को चुनौती देने वाले राजू पेडनेकर द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसने पिछली महा विकास अघडी (mva) सरकार के निगम वार्डों के परिसीमन के फैसले को उलट दिया था।पेडनेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) से संबंधित हैं। 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार करने के बाद उन्होंने एचसी का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर को इस मुद्दे पर दलीलें रखी हैं। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तारीख तय की है।

याचिका का विरोध करते हुए यूडीडी की उप सचिव प्रियंका छपवाले ने हलफनामा दायर किया था जिसमें कहा गया था कि 2001 से 2021 की जनगणना के दौरान जनसंख्या में मामूली वृद्धि हुई थी और इसलिए 2012 और 2017 में हुए चुनावों के लिए वार्ड नहीं बढ़ाए गए थे।

SEC को पूरी चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने के लिए छह महीने चाहिए

राज्य चुनाव आयोग (STATE ELECTION COMMISSION) के डिप्टी कमिश्नर अविनाश सनस द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा गया है कि चार प्रमुख चरणों - परिसीमन, आरक्षण, मतदाता सूची और चुनावों के वास्तविक संचालन सहित पूरी चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एसईसी को छह महीने का समय चाहिए।

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