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जीएसटी हुआ पास, जानें क्या हुआ महंगा


जीएसटी हुआ पास, जानें क्या हुआ महंगा
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आखिरकार महाराष्ट्र विधानसभा में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) विधेयक पास हो ही गया। शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा में वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने इस इस बिल को पेश किया था। हालांकि विधेयक-34 और 35 को विपक्ष की तीखे हमलों के बीच विधानसभा ने पास कर दिया जबकि विधेयक-33 की मराठी में प्रति नहीं होने के कारण उस पर चर्चा नहीं हो सकी। अब रविवार और सोमवार को दोनों सदनों में फिर से जीएसटी पर चर्चा की जाएगी। बता दें कि विधेयक 34 वस्तु व सेवा कर स्थानीय प्राधिकरण भरपाई विधेयक है जबकि विधेयक नंबर 35 महाराष्ट्र वस्तु व सेवा कर कानून संसोधन विधेयक है।


 

जीएसटी को 1 जुलाई नहीं 1 सितंबर से राज्य में लागू किया जाए, क्योंकि यह विधेयक जल्दबाजी में लाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि यह सारी पद्धति कम्प्यूटरीकृत है और इसका काम प्राइवेट कम्पनी इन्फोसिस को दिया गया है जिसका काम अभी पूरा नहीं हुआ है। इसे सीखने के लिए अधिकारीयों को अभी समय लगेगा। चव्हाण ने आशंका जताई कि साइबर अटैक से भी बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है इसीलिए इसे 1 सितंबर से लागू किया जाना चाहिए।- पृथ्वीराज चव्हाण, पूर्व मुख्यमंत्री  

पृथ्वीराज चव्हाण के प्रश्न का जवाब दिया वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने!



 मुंबई और अन्य मनपा को हर महीने नुकसान भरपाई दी जाएगी। यह भरपाई 2016-17 के आधार पर दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में करीब 5 हजार से अधिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है और 6 हजार कर्मचारियों को प्रशिक्षित किये जाएगा। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि जीएसटी के नुकसान की भरपाई उन्ही टैक्स पर होगी जो अभी लागू है। - सुधीर मुनगंटीवार, वित्त मंत्री

जीएसटी विधेयक-34 के अंतर्गत मनपा वस्तु व सेवा कर लागू होने के बाद जकात के विकल्प के रूप में स्थानीय कर, सेस रद्द होने से होने वाले हानि के बदले बीएमसी और अन्य स्थानीय प्राधिकरण भरपाई देने के लिए और संबंधित मामलों का विधेयक है।

जबकि जीएसटी विधेयक-35 में वस्तु व सेवा कर लागू होने के बाद जकात व अन्य स्थानीय करों को वसूलने, सेल्स टैक्स, पेट्रोलयम पदार्थों को सिमित करने, वाहनों के कीमत में बदलाव के लिए वाहन कानून में बदलाब करने संबंधी मुद्दे विधेयक में शामिल हैं।

शराब में विदेशी शराब को छोड़ कर, राज्यों में आयातित शराब, देशी शराब पर 60 फीसदी कर लगाया गया है जिससे विदेशी और देशी शराब दोनों महंगे हो जाएंगे। सिगरेट और सिगार पर 35 फीसदी, कोल्ड ड्रिंक पर 20 फीसदी, तंबाखू, बीड़ी पर 20 फीसदी टैक्स लगाया गया है जिससे यह सारे वस्तु महंगे हो जाएंगे। कलर चॉक, स्टेप्लर्स, पेन्सिल पेटी, डस्टर्स, फाईल्स, जरी साहित्य कागज और प्लास्टिक ग्लास, लेडीज हैण्ड बैग, चाय पावडर, इंस्टेंट चाय, एलईडी बल्ब, एलईडी ट्युबलाइट्स, गैस चूल्हा, बैटरी और सौर उर्जा पर चलने वाले वाहन, वृद्धों के डायपर्स और सेनेटरी नैपकिंस पर 6 फीसदी टैक्स लगाया गया है।


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