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फ्लाई ऐश से इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्य


फ्लाई ऐश से इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्य
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मुंबई - विविध सरकारी योजनाओंं में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्य में थर्मल ऊर्जा परियोजनाओं से पैदा होने वाली फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया जाएगा। ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि राज्य की थर्मल ऊर्जा परियोजनाओं से बनने वाली फ्लाई ऐश का इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्य में इस्तेमाल की मंजूरी मंत्रिमंडल ने दी है। बिजली निर्मित केंद्र की कार्य क्षमता सुधारने और बाहर पड़ने वाले कार्बन के प्रभाव को कम करने के लिए इस योजना को लागू किया जाएगा। केंद्रीय पर्यावरण और वन विभाग की 25 जनवरी 2016 की अधिसूचना के अनुसार थर्मल ऊर्जा केंद्र से उत्सर्जित होने वाली 100 फीसदी फ्लाई ऐश का विनियोग 31 दिसंबर 2017 तक करना है जिसके लिए मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी दी है।

ट्रांसपोर्टेशन पर 2000 करोड़ का खर्च
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट 2014-15 में महाराष्ट्र में 18,336 मेगावॉट क्षमता के 19 थर्मल ऊर्जा प्लांट से 18 दस लाख टन से अधिक फ्लाई ऐश का निर्माण हुआ। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग को निर्देशानुसार फ्लाई ऐश के ट्रांसपोर्टेशन पर प्रत्येक मैट्रिक टन पर 10 रुपये खर्च आया और यातायात सिर्फ 100 किलोमीटर तक हुआ। जिसकी गणना करने पर पता चलता है कि 2000 करोड़ का खर्च बिजली निर्मित करने वाली कंपनियों पर आएगा।

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