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बीएमसी में वार्ड पुनर्गठन को लेकर शिंदे-फडणवीस सरकार को बड़ा झटका

बीएमसी में वार्ड पुनर्गठन का फ़ैसला जस का तस रखने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश

बीएमसी में वार्ड पुनर्गठन को लेकर  शिंदे-फडणवीस सरकार को बड़ा झटका
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde)  और देवेंद्र फडणवीस (Devendra fadanvis)  ने सत्ता में आते ही बीएमसी(BMC)  वार्ड पुनर्गठन को रद्द करने का फैसला किया।  इस फैसले से शिंदे सरकार को सुप्रीम कोर्ट में झटका लगा है, वहीं उद्धव ठाकरे को राहत मिली है।  सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे सरकार को स्थिति जस की तस रखने का आदेश दिया है।

बीएमसी के वार्डों को पुनर्गठित करने का निर्णय उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार ने लिया था।  मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह फैसला तब लिया जब वह उस सरकार में शहरी विकास मंत्री थे। महाविकास अघाड़ी सरकार ने मुंबई नगर निगम में 9 वार्ड बढ़ाकर वार्डों को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया था।  उसके बाद नगर निगम चुनाव के लिए आरक्षण ड्रा समेत सभी प्रक्रियाएं पूरी की गईं।

मुंबई नगर निगम के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की प्रतीक्षा करते हुए, राज्य सत्ता में बदल गया और शिंदे सरकार ने तुरंत मुंबई नगर निगम वार्ड पुनर्गठन को रद्द कर दिया और 2017 वार्ड संरचना को बनाए रखने का फैसला किया।

फिर आगे बढ़ सकते है बीएमसी चुनाव

इस मामले में चार हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।  जिसके बाद कयास लगाए जा रहे है की एक बार फिर से मुंबई में बीएमसी चुनाव में देरी हो सकती है।

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