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अगर शिंदे समूह मनसे में विलय करना चाहता है तो स्वागत है- राज ठाकरे

राज ठाकरे ने कहा की ' यदि वह विधायक मनसे में आते हैं, तो मैं मनसे की मूल कार्यकारिणी और पदाधिकारियों के साथ कोई दुर्भावना नहीं करूंगा'

अगर शिंदे समूह मनसे में विलय करना चाहता है तो स्वागत है- राज ठाकरे
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मनसे प्रमुख राज ठाकरे(Raj Thackeray)  ने एक निजी चैनल के इंटरव्यू में कहा की अगर एकनाथ शिंदे(eknath Shinde)  समूह अपने विधायको के साथ मनसे में शमिल होना चाहता है तो उनका स्वागत है। मीडिया के माध्यम से सुना गया कि एकनाथ शिंदे समूह के 40 विधायक महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) में शामिल होंगे, लेकिन वास्तव में ऐसा प्रस्ताव हमारे पास नहीं पहुंचा है, लेकिन अगर ऐसा कोई प्रस्ताव आता है, तो मैं निश्चित रूप से इस पर विचार करूंगा, उनका स्वागत है।  

मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपनी स्थिति इन शब्दों में स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि ये विधायक मनसे में आते हैं, तो मैं मनसे की मूल कार्यकारिणी और पदाधिकारियों के साथ कोई दुर्भावना नहीं करूंगा, मैं महाराष्ट्र के लिए यह निर्णय लूंगा।

मैने कोई आंदोलन अधूरा नही छोड़ा 

राज ठाकरे ने कहा की " विरोधी मुझपर आंदोलन को अधूरा छोड़ने का आरोप लगाते है, मैंने टोल मूवमेंट किया, 65 टोल बूथ बंद किए, क्या आप इसका श्रेय नहीं देंगे?  सत्ता में आने पर आपने मुंबई में टोल क्यों नहीं रोका?  मनसे द्वारा भोंगा का मुद्दा उठाए जाने के बाद 40 फीसदी भोंगा बंद कर दिया गया"

जनसंघ या भाजपा को 1952 से 2014 तक का सफर करना पड़ा सत्ता में पूरी तरह आने के लिए,  हर राजनीतिक दल संघर्ष कर रहा है, मुझे अपने पिता, दादा, चाचा के विचार विरासत में मिले हैं,इससे मुझे लाभ होने वाला है,लोग सत्ता के लिए बंट गए, लोगों को इन जनप्रतिनिधियों पर बैलेट बॉक्स के जरिए राज करना चाहिए।

बीएमसी में सत्ता में आए तो तो करूंगा ऐसा काम जो मुंबई में कभी नहीं देखा

राज ठाकरे ने कहा की " मैं कह रहा हूं कि हम हिंदू हैं, हिंदू धर्म और हिंदुत्ववाद, अगर आप मेरे धर्म पर हमला करते हैं, तो मैं हिंदू बनकर वापस आऊंगा और अगर आप मेरी भाषा पर हमला करेंगे, तो मैं आप पर मराठी के रूप में हमला करूंगा, लेकिन हिंदुओं को कट्टर नहीं होना चाहिए, बल्कि धार्मिक होना चाहिए।  मातोश्री एक वास्तु है, जो शिवसेना संगठन का विषय है,  जो व्यक्ति उस संस्था का संस्थापक था, वह आज जीवित नहीं है और उसके विचार आज संगठन में नहीं हैं, तो खेद व्यक्त करने का क्या फायदा? अगर मनसे बीएमसी में सत्ता में आती है तो मैं वही करूंगा जो आपने मुंबई में नहीं देखा और जो होगा वह घोषणा पत्र में होगा"।

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