महाराष्ट्र में 1.06 करोड़ टीके मिले हैं। DGIPR ने 6 अप्रैल को एक ही ट्वीट किया। इसमें से 91 लाख टीके इस्तेमाल किए जा चुके हैं और 15 लाख टीके बाकी हैं। ऐसी स्थिति मे जानबूझ कर टीकाकरण केंद्र को बंद करने और टीकों के बारे में झूठी खबरें फैलाने का क्या कारण है? यह सवाल विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाविकास आघाडी सरकार से पूछा है।
मीडिया से बात करते हुए, देवेंद्र फड़नवीस (Devendra fadanvis) ने केंद्र से टीकों की आपूर्ति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी तक महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान जैसे केवल 3 राज्यों में 1 करोड़ से अधिक टीके मिले हैं। गुजरात और राजस्थान की आबादी समान है। टीकों की आपूर्ति जनसंख्या के आधार पर नहीं, बल्कि टीकाकृत राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर की जा रही है।
जिन राज्यों को आज कोटा दिया गया है, वे 9 से 12 अप्रैल तक टीकों की आपूर्ति के लिए पाइपलाइन में हैं। इसमें महाराष्ट्र को फिर से अतिरिक्त 19 लाख टीके मिलेंगे। उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है। उन्हें वैक्सीन की 92 लाख खुराक मिली है। इसमें से उन्होंने 83 लाख खुराकों का इस्तेमाल किया है और 9 लाख बचा है। पहली पाइपलाइन में हरियाणा को ज्यादा खुराक नहीं मिली। वे अब खुराक प्राप्त कर रहे हैं।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार (Sharad pawar) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से चर्चा की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें पूरी स्थिति का आश्वासन दिया है। मैंने खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होगा और प्रदर्शन के आधार पर तत्काल आपूर्ति प्रदान की जाएगी, देवेंद्र फडणवीस ने बताया।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई के पहले दिन से, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के साथ यह लड़ाई लड़ी है और महाराष्ट्र को अधिकतम सहायता दी है। आज भी केंद्र सरकार महाराष्ट्र को कंधे से कंधा मिलाकर मदद कर रही है।मूल रूप से राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही है। टीके आ रहे हैं, आते रहेंगे। हालांकि, बुनियादी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम नहीं होने के कारण गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं। क्या मुख्यमंत्री और मंत्री इस पर ध्यान देंगे? यह सवाल देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार से पूछा है।
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