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शिव स्मारक पर उठे विरोधी सुर


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मुंबई - छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक भूमिपूजन का कार्यक्रम 24 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने जा रहा है, लेकिन उससे पहले ही स्मारक को लेकर मच्छीमार संगठनों का विरोध बढ़ने लगा है। वहीं शिव स्मारक समिति के अध्यक्ष विनायक मेटे ने शिव स्मारक को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समुद्र में 16 हेक्टेयर की जगह पर स्मारक का निर्माण होगा। जिसके लिए 16 पवित्र स्थानों से मिट्टी लाई जाएगी। यह स्मारक दो चरणों में बनेगा। विनायक मेटे ने बताया कि यहां शिवाजी महाराज की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसके अलावा वहां महाराज पर आधारित कला परिसर, प्रदर्शनी गैलरी, महाराज के जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तक वाचनालय, प्रेक्षक गैलरी, उद्यान और हेलिपैड बनाया जाएगा। वहीं स्मारक के विरोध में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण में सुनवाई चल रही है। साथ ही मुंबई उच्च न्यायालय में इसको लेकर याचिका दाखिल की गई है।

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