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बजट पर उद्योपतियों पर राय


बजट पर उद्योपतियों पर राय
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मुंबई - वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए गये बजट के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं की इस बजट से निर्माणक्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा। जेटली ने बताया कि 30 और 60 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र की बजाय अब 30 और 60 वर्ग मीटर कार्पेट क्षेत्र की गणना की जाएगी। 30 वर्ग मीटर की सीमा भी केवल 4 मेट्रो शहरों की नगरपालिका सीमाओं के मामले में लागू होगी जबकि मेट्रो के बाहर के क्षेत्रों सहित देश के शेष भागों के लिए 60 वर्ग मीटर की सीमा ही लागू होगी।
घर खरीदने वालों को आम बजट में बड़ी राहत मिली है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को बजट पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2017-18 का बजट बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) पर अधिक केंद्रित है।
सरकार ने प्रॉपर्टी से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। घरों के लिए कैपिटल गेन टैक्स घटाया गया है। कैपिटल गेन टैक्स की सीमा भी 3 साल से 2 साल कर दी गई है। जिसपर कई उद्योगियों ने अपनी राय दी है।

 

पारस गुंदेचा,पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र चेंबर आँफ हाऊसिंग इंडस्ट्रीज
"निर्माणकार्य को बढ़ावा देने के लिए इस बजट मे काफी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए है। दूसरा 30 और 60 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र की बजाय अब 30 और 60 वर्ग मीटर कार्पेट क्षेत्र की गणना की जाएगी। सरकार के इस फैसले के बाद ना ही सिर्फ बिल्डरों को निर्माणकार्य में सहायता मिलेगी बल्की ग्राहको को भी अच्छे क्वालिटी के घर मिलेंगे।"

आनंद गुप्ता, पूर्व सचिव, बिल्डर्स असोसिएशन आँफ इंडिया
"हर रोज ग्रामीण भागो मे 133 कि.मी रास्ते बनाने का फैसला काफी सकारात्मक है। साथ ही गरीबों को घर देने के लिए भी इस बजट में काफी सारे कदम उठाए गए है। विकासक को प्रोत्साहन देने के साथ -साथ ग्राहको का भी ध्यान रखा गया है।"

रमेश प्रभू, अध्यक्ष, महाराष्ट्र सोसायटीज वेल्फेअर एसोसिएशन
"गरीबो के लिए घर, अच्छी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ये बजट बनाया गया है। लेकिन इस फैसले के बाद भी इस पर कई सवाल उठते है की सरकार ये घर कहां बनाएगी , कैसे बनाएगी। इस बजट मे गरीबो के लिए काफी सारे फैसलें किये गए है, लेकिन लगता है की ये सिर्फ कागजों पर ही रह जाएंगे।"

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