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कल्याण- बच्चे के बह जाने की घटना, दादा ने दी पहली प्रतिक्रिया

दादा ने बताया आखिर क्यो वो उतरे थे ट्रेन से

कल्याण-  बच्चे के बह जाने की घटना,  दादा  ने दी पहली प्रतिक्रिया
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पूरे महाराष्ट्र को हिला देने वाली घटना कल्याण के पत्रीपुल इलाके में घटी। हैदराबाद की रहने वाली योगिता रुमाले बच्चे को जन्म देने  के लिए अपने माता-पिता के घर भिवंडी आई थीं। भारी बारिश के बावजूद, वह अपने छह महीने के बच्चे को इलाज के लिए मुंबई के वाडिया अस्पताल ले जाने के लिए बुधवार को अपने पिता ज्ञानेश्वर पोगूल के साथ घर से निकली थी। (Baby washed away incident Kalyan Dombivali grandfather gives first reaction explains why they got down the train)

वापसी के समय अंबरनाथ लोकल ट्रेन पत्रीपुल के पास काफी देर तक खड़ी रही, कल्याण रेलवे स्टेशन ट्रेन के जाने की कोई संभावना नही दिख रही थी। अन्य यात्रियों की तरह योगिता और उसके पिता भी उतर गए और उन लोगों के साथ चलने लगे जो रेलवे ट्रैक से कल्याण स्टेशन की ओर जा रहे थे। इसी दौरान बच्चा दादा के हाथ से छूटकर पास के नाले में गिर गया।

इस समय कई लोगों ने बच्चे को बचाने की कोशिश की, लेकिन धारा का बहाव तेज होने के कारण दो दिन की खोजबीन के बाद भी बच्चा नहीं मिला।  अब इस बच्चे के दादा की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।  पूछा जाने पर की आप ट्रेन से क्यों उतरे? उन्होंने इसपर अपनी प्रतिक्रीया दी है। 

दादा की प्रतिक्रिया

बच्चे के दादा कहते हैं, “हम कोपर उतरना चाहते थे, लेकिन कल्याण स्टेशन नजदीक होने के कारण हम रुक गए,  हम 12 बजे निकले लेकिन ट्रेन दो से तीन घंटे तक डोंबिवली कल्याण क्रीक पर रुकी रही, ट्रेन से उतरने के बाद पैर फिसलने से मेरी बेटी योगिता पहले गिरी, फिर हमने उसे उठाया और फिर चलने लगे,  पहले तो बच्चा लड़की की गोद में था लेकिन जब वह फिसल गई तो मैंने उसे अपनी गोद में ले लिया, मैंने प्लास्टिक रेनकोट भी पहना हुआ था इसलिए बच्चा उस रेनकोट से फिसल गया, इसके अलावा रास्ता फिसलन भरा होने के कारण मैं गिरने वाला था, लेकिन संतुलन बनाने के चक्कर में मेरी पोती मेरे हाथ से छूटकर गिर गई"

भिवंडी में होता अस्पताल तो नही होती इतनी बड़ी घटना 

उन्होने कहा की "हम पिछले छह महीने से अपने बच्चे को वाडिया अस्पताल ले जा रहे थे, उस दिन भी चेक अप की तारीख वही थी, इसलिए हम घर से निकल गये, वापसी में ट्रेन कल्याण डोंबिवली के बीच काफी देर तक रुकी रही और सभी लोग उतर रहे थे, हमें इलाज के लिए मुंबई जाना पड़ता है क्योंकि भिवंडी में ऐसी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं नहीं हैं,  अगर भिवंडी में इतने बड़े अस्पताल होते तो यह घटना नहीं होती।”

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