अगर आपके बच्चे के पास मोबाइल है, और वह गेम का आदी है, तो आप सावधान हो जाएं। क्योंकि यह आदत आपके बच्चे की जान भी ले सकती है। आजकल एक नया मोबाइल गेम चलन में आया है, जिसका नाम ‘ब्लू व्हेल’ है। इस गेम का आखिरी टास्क आत्महत्या है। यूके, रशिया, चीन और ब्राजील जैसे देशों के बाद यह गेम मुंबई में आ धमका है। इस गेम के चलते मुंबई के एक 14 साल के लड़के ने आत्महत्या की है।
मुंबई में धीरे धीरे इस गेम ने अपने कदम पसारना शुरु कर दिए हैं। अंधेरी स्थित मेघवाडी परिसर में रहने वाले 14 वर्षीय किशोर ने इमारत की बालकनी से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली है। किशोर का नाम मनप्रीत सिंह है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि मनप्रीत ने ब्लू व्हेल (Blue Whale) ऑनलाईन गेम खेलते हुए इस तरह का खतरनाक कदम उठाया है। सामने वाली इमारत में रहने वाले एक व्यक्ति ने मनप्रीत को छत पर सेल्फी निकालते देखा था। इस मामले की जांच शुरु है।
‘हमने आत्महत्या का मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही इस मामले में ‘ब्लू व्हेल’ गेम का नाम भी सामने आ रहा है। हम इसे भी सामने रखकर जांच कर रहे हैं। फिलहाल मनप्रीत के अभिभावक बाहर हैं। उनके आते ही उनका स्टेटमेंट लिया जाएगा। साथ ही उनके दोस्त का स्टेटमेंट हमने दर्ज कर लिया है।'
मिलिंद खेतले, सहायक पुलिस आयुक्त, मेघवाडी
अंधेरी के इंटरनैशनल स्कूल में मनप्रीत 9वीं की पढ़ाई कर रहा था। उसके परिवार में माता-पिता और दो बहन थी। मनप्रीत का सपना पायलेट बनने का था। जिसके लिए वह रशिया जाना चाहता था। पर अफसोस की मनप्रीत का सपना सपना ही रह गया।
सोशल मीडिया पर ऑनलाईन 'डेथ ग्रुप' नाम से यह गेम पहचाना जाता है। 'ब्लू व्हेल' गेम में प्लेयर्स को 50 अलग अलग टास्क दिए जाते हैं। ये सभी टास्क 50 दिनों में पूरे करने होते हैं। साथ ही टास्क पूरा करने के बाद प्रमाण के तौर पर फोटो या वीडियो भेजना होता है। गेम में प्लेयर को एक ट्रेनर दिया जाता है। अगले 50 दिनों तक प्लेयर को यह ट्रेनर नियंत्रित करता है। ट्रेनर के सहयोग से प्लेयर टास्क पूरा करता है। एक बार गेम शुरु करने के बाद उससे बाहर नहीं निकला जा सकता।
इंग्लैंड की एक वेबसाईट के मुताबिक अगर प्लेयर ने टास्क पूरा नहीं किया तो धमकी के मेसेज आते हैं। यह गेम ग्रुप में खेला जाता है। आधी रात में उठकर कोई हॉरर फिल्म देखने या खुद को जख्मी करने का टास्क दिया जाता है। इसके बाद आखिरी टास्क आत्महत्या होता है।
इस तरह के 50 टास्क दिए जाते हैं। यह गेम सिर्फ और सिर्फ इंसान को खुद को मारने के लिए तैयार करता है। यह गेम दुनियां का सबसे खतरनाक गेम है।
सिर्फ ‘ब्लू व्हेल’ ही नहीं अनेक ऐसे गेम्स हैं जो युवाओं और बच्चों के लिए खतरनाक हैं। अगर ‘ब्लू व्हेल’ गेम की बात करें तो इस गेम को रशिया में बनाया गया है। इस मामले में रशिया में एक को गिरफ्तार भी किया गया है। ‘ब्लू व्हेल’ गेम जिसने खेलना शुरु किया उसका इससे बाहर निकलना मुश्किल है। वह खुद पर से नियंत्रण खो देता है। इस गेम को सूसाईड गेम के नाम से जाना जाता है। इस गेम को रोकपाना संभव नहीं है इसका एक ही उपाय है कि अभिभावक अपने बच्चों पर नजर रखें।'
-विजय मुखी, सायबर एक्सपर्ट
अनेक देशों में ‘ब्लू व्हेल’ ने अपने कदम पसारे। रशिया, यूनायटेड स्टेट्स, अफ्रिका, अर्जेंटिना जैसे देशों ने इस गेम पर पाबंदी लगा दी है। इस गेम की वजह से अबतक रशिया के 100 से अधिक युवाओं ने आत्महत्या की है।
युवाओं में मोबाइल और वीडियो गेम का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है। पिछले साल पोकेमॉन गो गेम के लिए कई लोग क्रेजी थे। कईयों ने तो अपनी जान भी गंवाई थी। अब वही कहानी दोहराने ‘ब्लू व्हेल’ गेम आया है। दरअसल इस गेम को हम नहीं खेलते बल्कि यह गेम हमारी जिंदगी के साथ खेलता है।