सुप्रीम कोर्ट ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुए तीन तलाक पर 6 महीने की रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है की वह आनेवाले 6 महिनों के भीतर संसद में तीन तलाक को रोकने के लिए कानून बनाएं।
11 से 18 मई तक तीन तलाक मामले पर सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई हुई। जिसके बाद 22 अगस्त की तारीख को फैसले के लिए सुरक्षित रखा था। कोर्ट के पांच जजों की बेंच में से तीन जजो ने तीन तलाक को असैवैधानिक माना है। हालांकी कोर्ट ने इस मुद्दे पर सीधे हस्तेक्षेप करने से मना कर दिया।
गौरतलब हो की शायरा बानो ने तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है।
खंड पीठ में शामिल जजों के नाम
चीफ जस्टिस जेएस खेहर
जस्टिस कुरियन जोसफ
जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन
जस्टिस यूयू ललित
जस्टिस अब्दुल नजीर
फैसले के कुछ मुख्य अंश
तीन तलाक असंवैधानिक
सरकार इसपर संसद में बनाए कानून
अगले 6 महिनों तक तील तलाक पर रोक
कोर्ट का फैसला आज से ही लागू
क्या है तीन तलाक-
मुस्लिम समुदाय में इस तलाक के जरिए कोई भी पति अपनी पत्नी को तीन बार तलाक तलाक तलाक कह कर तलाक दे देता है जिसके बाद उसकी शादी खत्म हो जाती है। इसके बाद अगर पत्नी को फिर से उसी पति से शादी करनी होती है तो पत्नी को हलाला से होकर गुजरना पड़ता है जिसके बाद ही उसकी पहले पति से फिर से शादी हो पाती है।
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क्या है हलाला -
किसी मुस्लिम महिला का तलाक हो चुका है और वह अपने उसी पति से दोबारा निकाह करना चाहती है, तो उसे पहले किसी और शख्स से शादी कर हम बिस्तर होना पड़ता है। इसके बाद वह इस पति से तलाक लेकर फिर से अपने पुराने पति से विवाह कर सकती है। इसे निकाह हलाला कहते हैं।
मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड और जमीयत की दलील
1. ये अवांछित है, लेकिन वैध
2. ये पर्सनल ला का हिस्सा है कोर्ट दखल नहीं दे सकता
3. 1400 साल से चल रही प्रथा है ये आस्था का विषय है, संवैधानिक नैतिकता और बराबरी का सिद्धांत इस पर लागू नहीं होगा
4. पर्सनल ला को मौलिक अधिकारों की कसौटी पर नहीं परखा जा सकता
सरकार की दलील
1. ये महिलाओं को संविधान मे मिले बराबरी और गरिमा से जीवनजीने के हक का हनन है
2. ये धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है इसलिए इसे धार्मिक आजादी के तहत संरक्षण नहीं मिल सकता।
3. पाकिस्तान सहित 22 मुस्लिम देश इसे खत्म कर चुके हैं
4. धार्मिक आजादी का अधिकार बराबरी और सम्मान से जीवन जीने के अधिकार के आधीन है
5. अगर कोर्ट ने हर तरह का तलाक खत्म कर दिया तो सरकार नया कानून लाएगी।