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पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा...


 पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा...
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फादर्स डे हर साल जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है इसकी शुरूआत वॉशिंगटन से हुई थी। 1924 में अमेरिका के राष्ट्रपति कालविन कौलिडज ने फादर्स डे को जून के तीसरे रविवार को मनाने की घोषणा की थी। तभी से हर साल लोग इस दिन अपने पापा के दिल में अपने प्रति प्रेम जताने और दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ता। कोई जहां पापा को मजेदार गिफ्टस देने को प्‍लान बनाता है, तो कोई घर में पापा के लिए सरप्राइज पार्टी का आयोजन करता है। पर जनाब ये सब चीजें तो दिन बितने के साथ पापा को हैरान करने वाली हैं, लेकिन क्‍या आप चाहते हैं कि इस दिन जब पापा उठें तो उनके चेहरे पर एक प्‍यार भरी मुस्‍कान आ जाए, वह आपको प्‍यार से गले लगा लें।तो पेश हैं आपके के लिए लिए कुछ प्यार भरीं पंक्तियां जिनके जरिए आप अपने पापा को इस खास दिन की बधाई जरूर दे सकते हैं।

चट्टानों सी हिम्मत और
जज्बातों का तुफान लिए चलता है,
पूरा करने की जिद से ‘पिता’
दिल में बच्चों के अरमान लिए चलता है। 

अगर मैं रास्ता भटक जाऊं,
मुझे फिर राह दिखाना,
आपकी ज़रुरत मुझे हर कदम पर होगी,
नहीं है दूजा कोई पापा आपसे बेहतर चाहने वाला वाला।

हर दुःख हर दर्द को वो
हंस कर झेल जाता है,
बच्चों पर मुसीबत आती है
तो पिता मौत से भी खेल जाता है।

कमर झुक जाती है बुढापे में उसकी
सारी जवानी जिम्मेवारियों का बोझ ढोकर,
खुशियों की ईमारत खड़ी कर देता है ‘पिता’
अपने लिए बुने हुए सपनों को खो कर।

उसकी रातें भी जग कर कट जाती हैं
परिवार के सपनों के लिए।
कितना भी हो ‘पिता’ मजबूर ही सही
पर हमारी जिंदगी में इक ठाठ लिए रहता है।

आज भी याद आते हैं बचपन के वो दिन,
जब अंगुली मेरी पकड़कर आप ने चलना सिखाया।
इस तरह जिन्दगी में चलना सिखाया,
कि जिन्दगी की हर कसौटी पर आपको अपने करीब पाया।

धरती-सा धीरज दिया और आसमान-सी ऊंचाई है,
जिंदगी को तरस के खुदा ने ये तस्वीर बनाई है।
हर दुख वो बच्चों का खुद पर सह लेते हैं,
उस खुदा की जीवित प्रतिमा को हम पिता कहते हैं।

बिता देता है एक उम्र
औलाद की हर आरजू पूरी करने में,
उसी ‘पिता’ के कई सपने
बुढापे में लावारिस हो जाते हैं।

जलती धूप में वो आरामदायक छाँव है
मेलों में कंधे पर लेकर चलने वाला पाँव है,
मिलती है जिंदगी में हर ख़ुशी उसके होने से
कभी भी उल्टा नहीं पड़ता ‘पिता’ वो दांव है।

मंजिल दूर है और सफ़र बहुत है,
छोटी-सी जिंदगी की फिक्र बहुत है।
मार डालती ये दुनिया कब की हमें,
लेकिन “पापा” के प्यार में असर बहुत है।



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