महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने विभाग के सचिव को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं कि अब से राज्य की विधवाओं को सम्मान देने के लिए उनके नाम के आगे गंगा भागीरथी का उल्लेख किया जाए। हालांकि महिला संगठनों ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि अगर इस तरह का जिक्र किया गया तो विधवा महिलाओं की पहचान समाज में घोषित कर दी जाएगी।
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समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई पहलें लागू की जाती हैं। समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को न्याय दिलाने के साथ-साथ उनकी उन्नति के प्रयास किए जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'विकलांग' की जगह 'दिव्यांग' शब्द का इस्तेमाल किया।
इसलिए विकलांगों को समाज में सम्मान का स्थान देकर उनके प्रति समाज का नजरिया बदल रहा है। इसी तर्ज पर लोढ़ा ने विभाग के प्रधान सचिव को राज्य की विधवाओं को सम्मान दिलाने के लिए 'विधवा' के स्थान पर 'गंगा भागीरथी' शब्द का प्रयोग करने का पूरा प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
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जब तक प्रस्ताव पर चर्चा नहीं, तब तक कोई निर्णय नहीं
विधवाओं के नाम को लेकर महिला आयोग की ओर से कुछ सुझाव आए थे। एक सुझाव यह आया कि महाराष्ट्र में महिलाओं के लिए गंगाभारती नाम प्रचलित है। विधवाओं को सम्मान देने के लिए 'विधवा' के स्थान पर 'गंगा भागीरथी' शब्द का प्रयोग करने का विस्तृत प्रस्ताव प्रमुख सचिव को भेजा गया है। फिलहाल यह प्रस्ताव भेजा गया है। जब तक इस प्रस्ताव पर चर्चा नहीं होगी तब तक कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। लोढ़ा ने कहा कि यह प्रस्ताव विधवा महिलाओं को सम्मान देने के लिए भेजा गया था।
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