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अमेरीका में पत्रकार सरकार से लड़ते हैं और हमारे पत्रकार सरकार के लिए लड़ते हैं

आज देशभर में लगभग 70 फिसदी मीडिया किसी ना किसी उद्योग जगत के द्वारा ही चलाई जाती है।

अमेरीका में पत्रकार सरकार से लड़ते हैं और हमारे पत्रकार सरकार के लिए लड़ते हैं
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16 नवंबर यानी की आज पूरी दुनियां में राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस मनाया जा रहा है। भारत में पत्रकारीता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। बाकी के तीन स्तंभ न्यायपालिका, नौकरशाही और विधायिका है। लेकिन आज भारत में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ अपने आप को ही खोता दिख रहा है। पत्रकारीता पर अब धीरे धीरे उद्योगजगत का कब्जा होता जा रहा है। आज देशभर में लगभग 70 फिसदी मीडिया किसी ना किसी उद्योग जगत के द्वारा ही चलाई जाती है। 

 पत्रकारिता ने राष्ट्रवाद का चोला पहना

अगर ध्यान से देखा जाए तो आग के दौर में पत्रकारिता ने राष्ट्रवाद का चोला पहन लिया है। जैसा की आपको पहले की पता चल गया ही की देश की 70 फिसदी मीडिया उद्योग घराने की ओर से चलाई जा रही है तो आप खुद ही सोच लिजिये की क्या इन उद्योग घरानों के फायदे पत्रकारीता के आड़े नहीं आते है। आज के दौर में पत्रकारिता को लोगों को बहकाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। मीडिया मानों जैसे लोगों के ब्रेन वासिंग में लगा है।

अमेरीका में जहां एक ओर लगभग सारी मीडिया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सरकार के विरोध में खड़ा दिख रहा है तो वही दूसरी ओर भारतीय मीडिया सरकार के सामने नतमस्तक होता दिख रहा है। भारतीय मीडिया पर अब धीरे धीरे उद्योग की पकड़त भारी होती जा रही है और उसके साथ ही भारी होता जा रहा है मीडिया पर राजनिती का दबाव।

ऐसा नहीं है की इसकी शुरुआत मौजूदा सरकार के समय में ही हुई हो,पिछलीं सरकार ने भी अपने हिसाब से कुछ पत्रकारों और मीडिया हाउस का इस्तेमाल किया है। आज तो यहां तक नौबत आ गई है एक मीडिया हाउस ही दूसरे मीडिया हाउस का स्टिंग करता है। पूरी दुनियां में पत्रकारिता के स्वतंत्रता के मामले में भारत 180 में से 138वें पायदान पर है।

 देशभक्ति के नाम पर परोसी जा रही फेक न्यूज

हालही मे बीबीसी की ओर से भारत में फेक न्यूज पर रिसर्च किया गया , जिसमें ये बात सामने आई की देश में सबसे ज्यादा फेक न्यूज देशभक्ति के नाम पर परोसी जा रही है। इसके साथ ही यह बात भी सामने आई है की पिछलें कुछ सालों में भारतीय मीडिया में झूठी खबरें बड़े पैमाने पर आ रहा है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल जमकर झूठ फैलाने के लिए किया जा रहै।

आज के दौर में मीडिया बहुंत ही सोच समझकर किसी भी विषय को लेता है , या तो उस विषय के बारे में झूठी जानकारी दी जाती है या फिर उस विषय के बारे में आधी अधूरी जानकारी या की सब्जेक का सिर्फ एक ही एंगल पेश किया जाता है।


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