भायखला - आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है। कुछ ऐसे क्षेत्र जहां पुरुषों का वर्चस्व माना जाता था आज महिलाओं ने उसमें भी अपनी दस्तक दे दी है। आज कोई ऐसा क्षेत्र नहीं बचा जहां महिलाओँ ने अपनी ना सिर्फ उपस्थिति दर्ज करवाई है बल्कि सफलता पूर्वक अपनी जिम्मेदारी भी निभा रही हैं। उन्हीं में से ही एक हैं सुनीता भोगले जो स्कूल बस चलाती हैं। इस पेशे को उन्होंने खुद चुना हैं जिसमें उनके पति संजीव का भी पूरा सपोर्ट है। पिछले 12 सालों से वह स्कूल बस चला रही हैं।
एक्टिवा से शुरू हुई इनका सफर आज बस तक पहुंच गया है। वर्तमान में मुंबई में इनकी चार बसें चलती हैं। जिसे और अधिक बढ़ाने के लिए ये पूरी तरह से मेहनत और लगन से जुटी हुई हैं।