सरकार ने हाल ही में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार को रोकने के लिए शक्ति विधेयक (shakti act) पारित किया था। अब इस शक्ति विधेयक को मजबूत करने के लिए विधान परिषद के साथ-साथ विधानसभा ने महाराष्ट्र विशेष न्यायालय विधेयक 2020 (शक्ति अधिनियम के तहत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ विशिष्ट अपराधों के लिए) को मंजूरी दे दी है। गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल (dilip walse patil) ने कहा कि विधेयक के प्रावधानों के तहत विशेष अदालत का गठन किया जाएगा।
गृह मंत्री पाटिल ने यह विधेयक पेश करते हुए कहा कि "राज्य में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शक्ति विधेयक पहले ही पारित हो चुका था,लेकिन बिल में अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जरूरी इंतजाम करने की जरूरत थी, उस व्यवस्था के लिए बिल नं 52 लाया गया है,इससे पहले यह बिल 14 दिसंबर, 2020 को सदन में पेश किया गया था, विधेयक को चर्चा के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त समिति के पास भेजा गया और समिति ने सर्वसम्मति से रिपोर्ट को मंजूरी दे दी, बिल के जरीए महिलाओं और बच्चों के खिलाफ विशिष्ट अपराधों के लिए या मौजूदा अदालतों को निर्दिष्ट करने के लिए विशेष अदालतों की स्थापना की जाएगी"
स्पेशल कोर्ट का गठन
इस बिल से अब स्पेशल कोर्ट का गठन किया जाएगा। हालांकि, इस अवसर पर उपलब्ध अदालतों को यह दर्जा देकर उन्हें निर्देश देना भी संभव होगा। धारा 7 में एक विशेष लोक अभियोजक की जगह और एक विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति का प्रावधान है, क्योंकि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार के अपराधियों को दंडित करना अनिवार्य है। धारा 8 में निर्दिष्ट अपराधों की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा एक विशेष पुलिस दस्ते के गठन का प्रावधान है।
गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधिकारियों को अपराध की गंभीरता को देखते हुए अपराध की जांच एक विशेष टीम को सौंपने का अधिकार होगा।
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