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क्या है इच्छा मृत्यु और किन देशों में है मान्य, जानिए यहां


क्या है इच्छा मृत्यु और किन देशों में है मान्य, जानिए यहां
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शुक्रवार को सुप्रीमकोर्ट ने इच्छा मृत्यु पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पैसिव यूथनेशिया यानि निष्क्रिय इच्छामृत्यु को अनुमति दे दी है। कई लोग लंबे समय से इसे कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे थे। क्या है इच्छा मृत्यु और कोर्ट ने इन शर्तों के अंतर्गत इसे लागू किया है इसके सभी जरूरी पहलुओं और तथ्यों पर पेश हैं वे बातें, जो आपको जाननी चाहिए।

क्या है इच्छा मृत्यु
अगर कोई व्यक्ति या महिला किसी गंभीर और लाइलाज बीमारी से जूझ रहा है और इससे मुक्ति पाना चाहता है तो वह डॉक्टर की सहायता ले अपना जीवन समाप्त कर सकता है।

 

सरकार का क्या कहना है? 

इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने कहा कि 'इच्छा मृत्यु' पर सरकार सारे पहलुओं पर गौर कर रही है साथ ही इस मामले में सुझाव भी मांगे गए हैं।
पहले केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की 'लिविंग विल' का विरोध किया गया था, लेकिन बाद में कुछ सुरक्षा मानकों के साथ ड्राफ्ट बिल तैयार किया गया जिसके बाद पैसिव यूथेनेशिया को मंजूर कर लिया गया।

 
 याचिकाकर्ता ने दी दलील 

याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि उस स्थिति में जब मरीज को लाइफ सपोर्ट सिस्टम देने पर भी कोई फायदा नहीं हो रहा हो तो ऐसे में डॉक्टर की एक टीम का गठन किया जाना चाहिए जो ये तय करे कि क्या बिना कृत्रिम सपोर्ट सिस्टम वो बच सकता है या नहीं। क्योंकि यह हर किसी का अधिकार है कि वह कृत्रिम सपोर्ट सिस्टम लेना चाहता है या नहीं। प्रशांत भूषण ने दलील दी कि आप किसी को उसकी इच्छा के बिना जीने के लिए मजबूर कर रहे है। उन्होंने आगे कहा भारत एक ऐसा देश है जहाँ हॉस्पिटल और डॉक्टर की संख्या बहुत कम है इसीलिए जो व्यक्ति खुद जीना नहीं चाहता उसके लिए डॉक्टर लगाया जाना कहाँ तक उचित है?

 

 'पैसिव यूथेनेशिया' क्‍या है
'पैसिव यूथेनेशिया' में अगर कोई मरीज लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर टिका है तो उसके सारे सिस्टम हटा लिए जाते हैं वो भी जानबूझ कर, मरीज की सहमति पर। इससे मरीज की मौत हो जाती है। वैसे तो इस कृत्य को एक तरह से हत्‍या के तौर पर आपराधिक माना जाता है, लेकिन सहमति से 'पैसिव यूथेनेशिया' को दुनिया के कई देशों में आपराधिक कृत्य नहीं माना जाता। यह यूरोपियन देशों बेल्जियम, लक्‍जमबर्ग, नीदरलैंड्स सहित स्विट्जरलैंड और अमेरिका के ओरेगन और वाशिंगटन राज्‍यों में भी कानूनन वैध है। 

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