भोईवाडा- बीडीडी चॉल में 10 बाय 12 के रुम में रहनेवाले सूरज देवकुले ने पॉवरलिफ्टींग में राष्ट्रिय और राज्य़ स्तर पर कई इनाम जीते है। लेकिन देश का नाम रोशन करनेवाले इस खिलाड़ी को आज एक नौकरी के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। अच्छी नौकरी ना होने के कारण इस खिलाड़ी को एक हॉटल में सुरक्षा रक्षक का काम करना पड़ रहा है।
बेस्ट में काम करते हुए सूरज के पिता का देहांत हो गया था। मां ने काम करके सूरज का पालन पोषण किया। सूरज के पॉवरलिफ्टिंग के खर्चे के लिए मां ने दिन रात एक कर दिया। आर्थिक कारणों की वजह से सूरज को एशियाई स्पर्धा से अपना नाम पीछे लेना पड़ा। अगर सूरज को किसी भी तरह की सरकारी सहायता मिले या फिर कोई प्रायोजक मिले तो उसकी और उसके माता पिता की सूरज को आगे बढ़ते देखने की इच्छा पूरी हो जाएगी।