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एटीएम हुआ 50 साल का , 30 साल पहले भारत में मुंबई से हुई शुरुआत


एटीएम हुआ 50 साल का , 30 साल पहले भारत में मुंबई से हुई शुरुआत
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आज के डिजिटल युग में एटीएम को कौन नहीं जानता, हर छोटी बड़ी जरुरत के लिए जब भी हमे कैश की जरुरत पड़ती है तो हम एटीएम की ओर दौड़ने लगते है। हालांकि सरकार डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे रही है लेकिन इसके बाद भी आज भी अगर किसी भी एटीएम में पैसे हो तो वहां भीड़  लग जाती है। एटीएम हमारे और आपके जिंदगी का हिस्सा बन चुका है।


50 साल पहले 27 जून 1967 में दुनिया का पहला एटीएम मशीन लंदन के एन्फ़ील्ड में बार्क्लेज़ बैंक की शाखा में खोला गया था। भारत में भी तीस साल पहले ही एटीएम की शुरुआl की गई थी। भारत में एटीएम की शुरुआत साल 1987 में हुई थी। इसे सबसे पहले एचएसबीसी ने अपनी मुंबई ब्रांच में लगाया था। तब से लेकर अब तक भारत में 2 लाख 7 हजार 813एटीएम मशीन लग चुके है।
भारत में सबसे ज्यादा एटीएम स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के है। एसबीआई के 58 हजार 798 ATM देशभर में है। इसके अलावा भारतीयों के पास 86 करोड़ से ज्यादा एटीएम डेबिट कार्ड भी है।

2012 में आरबीआई ने व्हाइट लेबेल एटीएम स्थापित करने की अनुमति दी। ये वो एटीएम हैं जिसे वैसी कंपनियां स्थापित करती है जो बैंक नहीं हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम की सुविधा प्रदान की जाती है। टाटा कम्युनिकेशन द्वारा महाराष्ट्र के ठाणे जिले के चंद्रपदा में भारत का पहला व्हाइट लेबेल एटीएम जिसे कंपनी ने इंडीकैश’ नाम दिया गया है, 27 जून 2013 को स्थापित किया गया।

क्या है एटीएम का दिंही अर्थ-
हम से कई लोग चाहे वो किसी भी भाषा के हो लेकिन सभी लोग एटीएम शब्द का ही इस्तेमाल करते है लेकिन आप जानते है की एटीएम को हिंदी में स्वचालित गणक मशीन कहते है।

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