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'रौनक एंड जस्सी' मेरे लिए एक जुनून बन चुका है: फिरोज अब्बास खान

प्रेम मानवता का आधार है, प्रेम इंसानियत का सार है, जाने-माने रंगमंच निर्देशक, पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता फिरोज अब्बास खान के नए म्यूजिकल ‘रौनक एंड जस्सी’ के पीछे की फिलॉसफी का यही विचार है।

'रौनक एंड जस्सी'  मेरे लिए एक जुनून बन चुका है: फिरोज अब्बास खान
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प्रेम मानवता का आधार है, प्रेम इंसानियत का सार है, जाने-माने रंगमंच निर्देशक, पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता फिरोज अब्बास खान के नए म्यूजिकल ‘रौनक एंड जस्सी’ के पीछे की फिलॉसफी का यही विचार है। प्रेम का उत्सव यह म्यूजिकल शो विलियम शेक्सपियर के क्लासिक रोमियो और जूलियट से प्रेरित है।

अपने नए प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए फिरोज अब्बास खान कहते हैं कि उन्हें जब कहानी का पहला ड्राफ्ट मिला तो उनका मानना था कि यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसके लिए भव्य मंच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, यह मेरे और मेरे लेखक के लिए लगभग एक जुनून बन चुका है कि हमें इसे मंच पर पेश करना ही है। इसकी कहानी अत्यंत रोचक है और जिस तरह से इसकी नई स्क्रिप्ट आई है यह थियेटर के लिए बिल्कुल एक नया अनुभव है, एक नई चीज है।

भारत के प्रमुख एंटरटेनमेंट डेस्टिनेशन बुकमायशो द्वारा निर्मित 'रौनक एंड जस्सी' का प्रीमियर 28 नवंबर को मुंबई के मुकेश पटेल ऑडिटोरियम में होगा।

ग्रामीण भारत की पृष्ठभूमि में, रौनक और जस्सी की प्रेम कहानी जागीरदारों और चौधरियों के बीच लंबे समय से चल रहे झगड़े के बीच शुरू होती है जो एक दूसरे को मारने की सौगंध लेते हैं। आगे की कहानी अलगाव और नफरत की एक दिलचस्प और रोचक यात्रा है। प्लॉट के बारे में ज्यादा खुलासा न करते हुए खान ने कहा, मैं आपको कह सकता हूं कि जिस समय में हम रहते हैं यह नाटक बहुत गूंजता है। यह एक सशक्त प्रेम कहानी है और प्यार की ताकत को बयां करता है। यह पूरी तरह से भारतीय नाटक है, यह हमारे आस-पास की हर चीज को बहुत मजबूती से जोड़ता है। यह प्रेम का उत्सव है।

इस म्यूजिकल के मज़मून के बारे में उन्होंने कहा, प्रेम मानवता के मूल में है, इसलिए आप चाहे नफरत की कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले उसे खत्म होना ही है, उसे हारना ही है। इसीलिए हमें प्रेम में अपना विश्वास बनाए रखना होगा – और यही इस प्ले का सार है। यह प्रेम कहानी 16वीं शताब्दी की क्लासिक है और यह अभी भी उतनी ही प्रासंगिक है। प्रेम में पड़े दो मासूम लोगों के बारे में जो मौलिक रूप से इंसान हैं। केवल एक चीज जो वे पूछ रहे हैं : हमने क्या गलत किया है कि हम एक नहीं हो सकते? क्यों ? प्यार को बांटने के लिए नफरत की दीवार क्यों होनी चाहिए?

भव्य म्यूजिकल मुग़ल-ए-आज़म का निर्देशन करना इस 60 वर्षीय फिल्म निर्माता और निर्देशक के लिए एक उपलब्धि थी खासतौर पर इसलिए कि उनको 1960 के दशक की एक महान फिल्म को मैच करना था लेकिन फिरोज रोमियो और जूलियट को अपने तरीके से पेश करने को बड़ी चुनौती मानते हैं खासकर तब जब सिनेमा, थिएटर और बैले सहित विभिन्न मीडिया में इस क्लासिक ट्रेजडी के कई संस्करण पहले से मौजूद हैं।

रौनक एंड जस्सी को इकबाल राज ने लिखा है। म्यूजिकल शो रौनक और जस्सी में फिरोज अब्बास खान के नेतृत्व में मुगल-ए-आजम की अवॉर्ड विनिंग टीम एक साथ आ रही है जिसमें मनीष मल्होत्रा की शानदार कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग, मयूरी उपाध्याय की कोरियोग्राफी, पीयूष कनौजिया का दिलकश संगीत,  ब्रॉडवे के डेविड लैंडर की मंत्रमुग्ध कर देने वाली लाइटिंग डिज़ाइन और जॉन नरून की प्रोजेक्शन डिजाइन देखने को मिलेगी। रौनक और जस्सी विलियम शेक्सपियर के क्लासिक नाटक रोमियो और जूलियट से प्रेरित है। शों के मुख्य कलाकारों में नेहा सरगम, ओमकार पाटिल, सोनल झा और अन्य लोग शामिल हैं।

2 ऑरिजिनल सहित 11 गानों के लाइव संगीत के साथ यह हिंदी म्यूजिकल दर्शकों को एक सशक्त और प्रभावशाली संगीत अनुभव उपलब्ध कराएगा। मुंबई में अपने प्रीमियर के बाद रौनक एंड जस्सी नई दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु और हैदराबाद में अपने कदम रखेगा।

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