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ठाणे रेलवे स्टेशन बना हादसों का स्टेशन


ठाणे रेलवे स्टेशन बना हादसों का स्टेशन
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एक आंकड़ें के अनुसार हमारे देश में आतंकी घटनाओं से मरने वालों लोगों से कहीं अधिक संख्या मुंबई की लोकल ट्रेनों की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या हैं। इसका मतलब है कि आतंकी घटनाओं पर रोक लगाने के साथ साथ लोकल ट्रेनों से होने वाली मौतों पर भी रोक लगाने की तत्काल आवश्यकता है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि रेलवे द्वारा तमाम उपाय के बावजूद ट्रेनों से होने वाली दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है।


ठाणे स्टेशन पर इतने हादसे क्यों?
रेलवे द्वारा जारी किये गए एक आंकड़े के मुताबिक पिछले साढ़े 4 महीने में ठाणे रेलवे स्टेशन पर दुर्घटना से मरने वालों यात्रियों की संख्या 100 से भी अधिक है। आँकड़ें के मुताबिक 1 जनवरी 2018 से लेकर 12 मई 2018 तक कुल 112 यात्रियों की दुर्घटना में मौत हुई हैं।

कब रुकेंगे हादसे?
इन दुर्घटनाओं का कारण बताते हुए रेलवे ने कहा है कि पटरी पार करने, ट्रेन के दरवाजे पर खड़े रहने, खंभे से टकराने जैसे विभिन्न कारणों से इन यात्रियों की मौत हुई है।

ऐसा नहीं है कि ठाणे में ही ऐसी घटनाएं होती हैं। ठाणे स्टेशन के बाद मध्य रेलवे में कल्याण रेलवे स्टेशन ऐसा स्टेशन हैं जहां ठाणे के बाद सबसे अधिक दुर्घटनाये हुई हैं। कल्याण में इन चार महीनों में कुल 110 यात्रियों ने दुर्घटना में अपने प्राण गंवाएं हैं।

इसके बाद पश्चिम रेलवे का बोरीवली स्टेशन का नंबर आता है जहां अधिक यात्री दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। यहां 107 यात्रियों की जान हादसे में गयी।

चौथे नंबर पर कुर्ला रेलवे स्टेशन हैं जहां हादसे में मरने वालों यात्रियों की संख्या 80 है।

रेलवे के मुताबिक इन चार महीने में पश्चिम रेलवे, मध्य रेलवे और हार्बर रेलवे में दुर्घटना में मरने वालों यात्रियों की स्कुल संख्या 797 है।

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