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भारी बारिश ने रोकी रेलवे की रफ्तार, लेकिन इस 'रेलवे' पर कोई असर नहीं


भारी बारिश ने रोकी रेलवे की रफ्तार, लेकिन इस 'रेलवे' पर कोई असर नहीं
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मुंबई में जोरदार बारिश के बीच भी कुलाबा-बांद्रा-सीप्ज (मेट्रो-3) का जोरशोर से शुरू है। मुंबई मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन (एमएमआरसी) के मुताबिक टीबीएम मशीनों के द्वारा जमीन के नीचे जमीन खोदने का काम चल रहा है।


दो साल में 32.5 किमी का हुआ काम 
आपको बता दें कि मेट्रो-3 पूरी तरह से भूमिगत मार्ग पर आधारित है। इस मार्ग को बनाने के लिए MMRC ने विदेश से 17 टीबीएम मशीनें मंगाई हैं, जिनमें से 15 टीबीएम मशीनें भारत आ चुकी हैं, और इनमें से 8 कार्यरत हैं। 2018 तक सभी मशीनों से काम लेना शुरू किया जायेगा। इन्ही मशीनों की सहायता से ही ट्रैक का रास्ता बनाया जा रहा है। इन मशीनों के द्वारा दो सालों में 32.5 किमी जमीन के अंदर रास्ता बनाया गया।

'काम में आएगी तेजी'
इस कार्य से जुड़े एक अधिकारी के बताया कि सबसे पहले बड़ा सा गड्ढा खोद कर उसके पहला टीबीएम मशीन डाला गया उसके बाद एक एक करके 8 मशीनों को अंदर छोड़ा गयादो सालों में 32.5 किमी  अधिकारी के मुताबिक पिछले 10 महीने में हमने 8 टीबीएम मशीनों की सहायता से 5 किमी का रास्ता तैयार किया है, और जल्द ही इस काम में और भी तेजी आएगी।

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