बेस्ट कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार रात से हड़ताल पर जाने की घोषणा की, जिसके बाद मंगलवार की सुबह से ही सड़को पर बेस्ट की एक भी बस नहीं दिख रही है। कुल 30500 कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं। बेस्ट कर्मचारियों की इस हड़ताल को औद्योगिक न्यायलय ने अवैध बताया है, इसके बावजूद बेस्ट वर्कर्स यूनियन इस हड़ताल को शुरूकर दिया है।
बेस्ट वर्कर्स युनियन के महासचिव शशांक राव ने कहा कि हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसीलिए यह हड़ताल हमने जारी रखने का फैसला किया है।
इसके पहले सोमवार की दोपहर को बेस्ट महाव्यवस्थापक सुरेंद्र बागडे ने प्रशासन और बेस्ट यूनियन की बैठक बुलाई थी ताकि आपसी समझौते से सुलह हो सके और हड़ताल को टाला जा सके लेकिन इस बैठक में आपसी समझौता नहीं होने के कारण सुलह नहीं हो सकी। साथ ही इस बैठक में खुद महाव्यवस्थापक उपस्थित नहीं हुए। इसीलिए अब बेस्ट के कर्मचारियों ने हड़ताल करने का निर्णय लिया है।
मंगलवार को सिर्फ एक कंडक्टर और 8 ड्राइवर की ड्यूटी पर पहुंचे।