ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों की दादागिरी को रोकने के लिए सरकार ने टोल फ्री नंबर 1800220110 जारी किया था, बावजूद इसके इनकी दादागिरी रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब जारी नियमानुसार इस टोल फ्री नंबर का स्टिकर अपने ऑटो रिक्शा या फिर टैक्सी में चिपकाना अनिवार्य होगा।
कड़ी कार्रवाई की मांग
शुक्रवार को विधान परिषद में परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने इस बाबत जानकारी दी। विधानपरिषद में विधायक आनंद ठाकुर ने ड्राइवरों द्वारा यात्रियों से किये जा रहे अनुचित व्यवहार पर सवाल उठाया, जिसका जवाब देते हुए दिवाकर ने कहा कि ऑटो रिक्शा और टैक्सी ड्राइवरों को अपने व्यवहार में सुधार लाना होगा। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि मुंबई में रजिस्टर्ड 1,83,376 ऑटो रिक्शा तो 60,176 टैक्सी हैं। अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के दौरान 14,788 वाहनों की जांच की गयी। उसमें से 4328 वाहनों को दोषी पाया गया और 1294 लोगों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए।
32 हजार लोगों से वसूला गया जुर्माना
रावते ने आगे कहा कि जनवरी से रिक्शा और टैक्सी चालकों के खिलाफ 32,000 मामले दर्ज कर उनसे जुर्माना वसूला गया। जगह की कमी के कारण रिक्शा और टैक्सी को कब्जे में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि परिवहन विभाग में स्टाफ की कमी है, 40% पद रिक्त हैं।उन्होंने बताया कि होम डिपार्टमेंट के साथ चर्चा करके होमगार्ड की मदद लेने के लिए विचार किया जा रहा है? साथ ही ट्रैफिक पुलिस को भी दादागिरी दिखाने वाले रिक्शा और टैक्सी ड्राइवरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया जाएगा।
तो होगी बेरोजगारी
परिवहन मंत्री ने दावा किया कि प्रदुषण में कमी हो इसके लिए रावते ने बताया कि ओला और उबेर को भी सिटी टैक्सी का दर्जा देकर उन्हें सीएनजी पर चलाने के लिए बाध्य किया जायेगा।
राज्य में 4 लाख अवैध ऑटो रिक्शा चल रहे हैं। अगर उन पर कार्रवाई की जाती है तो बेरोजगारी की समस्या पैदा होगी। इसीलिए इन अवैध रिक्शा चालकों को पैसा भर कर लाइसेंस लेने के लिए मार्च तक का समय दिया गया है। अगर जरुरत पड़ी तो समय को आगे भी बढ़ाया जाए सकता है।
दिवाकर रावते, परिवहन मंत्री