मुंबई में बढ़ते प्रदूषण (pollution) पर लगाम लगाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर दिया जा रहा है। तदनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने 2025 तक नए पंजीकृत वाहनों के 10 प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, मुंबई महानगर में 1500 केंद्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 2025 तक राज्य में विभिन्न स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अधिक से अधिक चार्जिंग केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
एक संस्था द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल, प्लानिंग आदि पर वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया गया। इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी जल्द ही एक नीति पर काम किया जा रहा है और समझा जा रहा है कि इसे कैबिनेट की अंतिम मंजूरी का इंतजार है। वर्तमान में देश के कुल इलेक्ट्रिक वाहनों में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 12 फीसदी (32,000 electric vehicle) है, जो निर्माताओं के लिए उत्साहजनक नहीं है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन डिवीजन, औरंगाबाद, पुणे, नागपुर और नासिक ने 2025 तक आंतरिक परिवहन के लिए 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने का लक्ष्य रखा है।
अप्रैल 2022 से, इलेक्ट्रिक वाहन नीति के मसौदे में शामिल शहरों में पंजीकृत सभी राज्य सरकार के वाहन इलेक्ट्रिक होंगे। 2025 तक हर शहर में चार्जिंग सेंटर शुरू करने का लक्ष्य है। मुंबई महानगर के लिए 1500, पुणे के लिए 500, नागपुर के लिए 150, नासिक के लिए 100 और औरंगाबाद के लिए 75 का लक्ष्य है। इस मौके पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सुधीर श्रीवास्तव भी मौजूद थे। संगोष्ठी में की गई सभी सिफारिशों को मिलाकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को कार्यक्रम के मिनट्स प्रस्तुत किए जाएंगे।
वर्चुअल सेमिनार का आयोजन क्लाइमेट वॉयस (उद्देश्य, प्रभाव और जलवायु रुझान का एक संयुक्त उद्यम) द्वारा महाराष्ट्र पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की 'माई अर्थ' पहल के सहयोग से किया गया था।
2025 तक नए वाहन पंजीकरण कुल वाहनों का 10 प्रतिशत होने की उम्मीद है। दुपहिया वाहनों के लिए 10 फीसदी, तिपहिया के लिए 20 फीसदी और चौपहिया के लिए 5 फीसदी का लक्ष्य रखा गया है। हाईवे पर चार्जिंग समेत अन्य सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है।
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