रेलवे कि लंबी दूरियों की गाड़ी में मिलने वाले खाने को लेकर अकसर आरोप लगाए जाते हैं कि रेलवे कैटरिंग वाले खाद्य पदार्थों की अधिक कीमत वसूलते हैं। हर दिन रेलवे की इस तरह की हजारों शिकायतें मिलती हैं। इसे देखते हुये रेलवे ने निर्णय लिया है कि अब अन्य कंपनियों की तरह रेलवे कैटरिंग के खाद्य पदार्थों पर भी उसकी कीमत लिखी हुई होगी। इसका मतलब अब ग्राहक जो भी खाद्य पदार्थ खरीदेंगे उसकी कीमत पहले ही उन्हें पता चल जाएगी। इस कीमत को ग्राहक डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड जैसे डिजिटल पेमेंट से भी चुका सकते हैं। यही नही कीमत चुकाने के बाद आपको बिल भी मिलेगा।
चलाया गया था जागरूकता अभियान
कुछ दिन पहले रेलवे ने घोषणा की थी कि यात्रियों को ट्रेन और रेलवे स्टेशन में खाद्य पदार्थ खरीदने से पहले बिल मांगने की अपील की थी।
इसके लिए रेलवे ने यत्रियों को जागरूक करने के लिए 'पहले बिल फिर सामान' नाम से जन जागरूक अभियान चलाया था।
शिकायतें होंगी दूर?
ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट में आसानी हो इसके लिए रेलवे ने लंबी दुरी की ट्रेनों के हर रेक में 8 PoS (पॉइंट ऑफ़ सेल) मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी।
यही नहीं रेलवे के मुताबिक अब तक रेलवे ने कई ट्रेनों के पैंट्री कार में 2200 मशीनें लगा भी चुकी है।
इसके अलावा अभी अन्य लंबी दुरी की ट्रेनों के पैंट्री कार में भी PoS (पॉइंट ऑफ़ सेल) मशीनें लगाने का काम किया जाएगा।
रेलवे ने आशा जताई है कि इन मशीनों को लगाने के बाद यात्रियों की शिकायत में काफी कमी आएगी।
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