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ऐप बेस टैक्सियों का किराया होगा निश्चित?


ऐप बेस टैक्सियों का किराया होगा निश्चित?
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ऐप पर आधारित चलने वाले टैक्सियों के किराए एक समान करने की मांग अब जल्द ही पूरी हो सकती है। इस बारे में परिवहन मंत्रालय जल्द ही निर्णय ले सकता है।

ओला, उबर जैसे अन्य ऐसी कई सारी टैक्सी सेवाएं हैं जो ऐप बेसिस हैं। इनके ड्राइवरों को होने वाली परेशानी, यात्रियों के साथ होने वाला दुर्व्यवहार जैसी अनेक परेशानियों को देखते हुए और इसे दूर करने के लिए खटुआ समिति का गठन किया गया था जो इस बारे में एक प्रस्ताव बना कर उसे सरकार के समक्ष पेश करना था। खटुआ समिति ने यह प्रस्ताव सोमवार को परिवहन मंत्री दीवाकर राउते को सौंप दिया। पेश प्रस्ताव के आधार पर आने वाले एक या दो महीनो में सरकार इस पर निर्णय सुना सकती है।

मुंबई की परंपरागत परिवहन सेवा यानी काली पीली टैक्सी और रिक्शा है, लेकिन जब से ऐप बेस टैक्सियाँ चलना शुरू हुईं तबसे इन परंपरागत परिवहन सेवा पर काफी असर पड़ने लगा था। इस असर का असर यह हुआ कि परंपरागत सेवा और ऐप आधारित टैक्सियों की सेवा में विवाद बढ़ने लगा।

इसीलिए राज्य सरकार ने 10 अक्टूबर 2016 को बी.सी.खटुआ की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था जिसे यह असामनता दूर करने के संबंध में एक रिपोर्ट बनाना था।


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