परेल- लालबाग फ्लाईओवर को सोमवार के दिन दरार पड़ने के कारण अचानक कुछ देर के लिए बंद करना पड़ा था। तो वहीं दूसरी तरफ घोड़बंदर के पास वर्सोवा प्लाईओवर में भी कई दरारें देखी गई। जो कभी भी धोखादायक साबित हो सकती हैं। इन दोनों घटनाओं के सामने आने के बाद अब प्लाईओवर के निर्माणकार्य और मरम्मत पर अब सवाल पैदा होने लगे हैं। 2010 में लालबाग पुल के निर्माणकार्य शुरु होने के साथ ही इस पुल का हिस्सा गिर गया था। 2011 में पुल के उद्घाटन के कुछ ही घंटों बाद इस पुल पर गड्ढे होने शुरु हो गए। जिसके बाद से लगातार इस पुल के निर्माणकार्य पर सवाल उठते आ रहे हैं।
लालबाग प्लाईओवर के साथ-साथ सायन, किंग्ज सर्कल, कलानगर, खेरवाडी, दिंडोशी सहित शहर के कई प्लाईओवर्स की हालत खराब होती जा रही है।
प्लाईओवर्स की खराब हालत को देखते हुए इन फ्लाईओवर्स के निर्माणकार्य पर सवाल उठना लाजमी है, लेकिन इन प्लाईओवर्स पर अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा?