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राज्य सरकार ने अदालत को बताया, 'रेलवे से संबंधित गोपनीय जानकारी हुई लीक'

राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे इन उपायो का रिजल्ट एक महीने बाद देखने की बात कहते हुए खंडपीठ ने अगली सुनवाई 1 दिसंबर को तय कर दी।

राज्य सरकार ने अदालत को बताया, 'रेलवे से संबंधित गोपनीय जानकारी हुई लीक'
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मुंबई (mumbai) में वर्तमान समय में कोरोना (Coronavirus) संकट को देखते हुए रेलवे (railway) द्वारा लोकल (local train) से यात्रा करने वाले लोगों को जल्द ही कलर कोडेड ई-पास (colour coded e-pass) उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में हमने उसी कंपनी से संपर्क किया है जिसनें कोलकाता मेट्रो (Kolkata metro) के लिए भी सॉफ्टवेयर (software) बनाया है। गुरुवार को मुंबई उच्च न्यायालय में राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोनी ने कोर्ट को जानकारी देते हुए यह बातें कहीं।

लोकल ट्रेनों में यात्रा करने को लेकर अनेक याचिका दाखिल किए गए हैं, जिस पर मुख्य न्यायाधीश गिरीश कुलकर्णी और दीपांकर दत्ता की पीठ सुनवाई कर रही है। इस बारे में गुरुवार को जारी सुनवाई के समय कुंभकोनी ने इस बारे में जानकारी दी कि, राज्य सरकार ने अब तक किसे अनुमति दी है और अब तक क्या-क्या उपाय किए गए हैं? 

कुंभकोनी ने कहा कि, निजी सुरक्षा गार्डों, बैंकरों, वकीलों, पत्रकारों सहित अन्य क्षेत्रों के यात्रियों को भी यात्रा करने की अनुमति दी गई है, जिसमें आम महिलाओं के लिए एक निश्चित समय तय किया गया है।

रेलवे स्टेशनों के बाहर भीड़ को रोकने के लिए पे एंड पार्क (pay and park) सुविधा भी बंद कर दी गई है। साथ ही, कोरोना के मद्देनजर लोकल ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की सीमित संख्या के उचित नियमन की सुविधा के लिए' कलर कोडेड ई-पास 'प्रणाली शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि, कलर कोडेड ई-पास के सॉफ्टवेयर को राज्य का सूचना प्रौद्योगिकी विभाग अभी तक  विकसित नहीं कर पाया है, इसलिए इस बारे मे कोलकाता मेट्रो के लिए सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी से संपर्क किया है। 

राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे इन उपायो का रिजल्ट एक महीने बाद देखने की बात कहते हुए खंडपीठ ने अगली सुनवाई 1 दिसंबर को तय कर दी।

'गोपनीय जानकारी' हुई लीक

"हमने खबर पढ़ी है कि राज्य सरकार स्थानीय लोगों को यात्रा करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है," मुख्य न्यायाधीश ने कुंभकोनी से जब इस बारे में यह सवाल किया तो कुंभकोनी ने बताया कि, हम वर्तमान में रेलवे प्रशासन के साथ इस संबंध में किए जाने वाले उपायों के बारे में चर्चा कर रहे हैं?

कुंभकोनी ने अदालत को यह बताया कि, यह जानकारी वास्तव में गोपनीय थी और रेलवे के साथ आंतरिक पत्राचार तक ही सीमित थी, लेकिन, यह पता नहीं चला है कि यह जानकारी मीडिया तक कैसे पहुंची?

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