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रविवार को मोनोरेल हुई थी बंद, एमएमआरडीए ने ठेकेदार को लिया आड़े हाथ!


रविवार को मोनोरेल हुई थी बंद, एमएमआरडीए ने ठेकेदार को लिया आड़े हाथ!
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देश की पहली मोनोरेल के नाम से कहलानेवाली चेंबूर-जेकब सर्कल मोनोरेल की मुसीबतें समय के साथ साथ बढ़ती ही जा रही है। आग लगने की घटना के 9 महीने बाद 1 सितंबर को फिर से मोनो रेल ने दौड़ना शुरु किया था, लेकिन मोनों रेल के शुरु होने के 48 घंटे के अंदर ही मोनो एक बार फिर से बंद हो गई। कुछ देर के लिए ही सही , मोनो एक बार फिर से रविवार को बंद हो गई। एमएमआरडीए ने मोनों के बंद होने के लिए ठेकेदार से सवाल जवाब किया है।

सफेद हाथी साबित होता मोनो

मोनो से कई बार कई हादसे हुए है, यात्रियों को भी कई बार इन खतरों से दो चार होना पड़ा है। एमएमआरडीए के लिए मोनो सफेद हाथी साबित होता जा रहा है फिर भी एमएमआरडीए ने इस मोनो रेल को बंद नहीं किया है। प्रति ट्रिप 4600 रुपये की बजाय प्रति ट्रिप 10600 रुपये एमएमआरडीए को खर्च करने पड़ रहे है।

एमएमआरडीए के सह प्रकल्प संचालक (जनसंपर्क) दिलीप कवठकर ने मुंबई लाइव से बात करते हुए कहा की मोनो क्यों बंद हुई इसकी जांच एमएमआरडीए की ओर से की जाएगी। इसके लिए एमएमआरडीए की ओर से एक जांच समिती भी बनाई जाएगी।

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