मोनोरेल में आग लगने के मामले में छानबीन के लिए जो समिति का गठन किया गया था उस समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट MMRDA को सौंप दी है, हालांकि अभी फाइनल रिपोर्ट आना बाकी है। समिति की रिपोर्ट के अनुसार यह आग मोनोरेल का पहिया अत्यधिक गर्म हो जाने के कारण लगी थी।
क्या हुआ था?
9 नवम्बर को मोनो रेल सुबह पांच बजे वडाला डिपो से चेंबूर के लिए रवाना हुई थी। मैसूर कॉलोनी स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचते ही चालक को पीछे के एक डिब्बे से धुआं निकलता दिखाई दिया। दमकल ने मौके पर पहुंच कर आग पर किसी तरह से काबू पाया। इस आग के कारण मोनोरेल के दो डिब्बे बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। हालांकि इस आग में कोई हताहत नहीं हुआ था।
सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह
इस आग से मोनोरेल के यात्रियों पर सुरक्षा को लेकर सवाल उठने शुरू हो गये थे। इसे देखते हुए MMRDA के महानगर आयुक्त (मेट्रो पॉलीटन कमिश्नर) यूपीएस मदान ने जांच के आदेश दिए। और जांच पूरी होने तक मोनोरेल सेवा को बंद रखने का निर्णय लिया गया। तब से लेकर अब तक मोनोरेल बंद है। बताया जा रहा है कि जांच पूरी होने में अभी भी लगभग एक हफ्ते का समय लग सकता है और तब तक मोनोरेल सेवा भी बंद रहेगी।
आग कैसे लगी?
रिपोर्ट के अनुसार जिस मोनोरेल में आग लगी थी उस मोनोरेल को दुसरे दौर के 'ट्रायल रन' के कारण रात भर चलाया गया था। इस कारण इस रेल का पहिया अत्यधिक गर्म हो गया था जिसके कारण वहां से धुंआ निकलने लगा। हालांकि धुएं को नियंत्रित करने के लिए प्रयत्न किया गया लेकिन जरुरी उपकरण नहीं होने के कारण धुंआ आग में तब्दील हो गया।
फाइनल रिपोर्ट अभी आना बाकी
रिपोर्ट में बताया गया है कि तांत्रिक कमियों के कारण मोनोरेल में आग लगी थी, लेकिन अब सबकी नजरें अंतिम रिपोर्ट पर टिकी हैं। साथ ही इस बात पर भी सब की निगाहें हैं कि MMRDA उपाय स्वरूप क्या कदम उठाता है?