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मोनो रेल में यात्रा करनेवाले यात्रियों की संख्या घटी!


मोनो रेल में यात्रा करनेवाले यात्रियों की संख्या घटी!
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देश की पहली मोनो रेल जो चेंबूर से वडाला के लिए शुरु की गई है, इसमें अब यात्रियों की संख्या काफी घटती जा रही है। जहां एक पिछलें दिनों मोनों में आग लगने के कारण मोनो को 9 महीने के लिए बंद कर दिया गाय था, जिसके बाद कुछ दिन पहले ही इस मोनो रेल सेवा को फिर से शुरु किया गया था। हालांकी मोनो को फिर से शुरु करने के बाद भी इससे कोई खास लाभ होता हुआ नहीं दिख रहा है।

मोनो रेल में पहले प्रति दिन 15 हजार यात्री सफर करते थे , जो अब घटकर सिर्फ 10000 तक ही रह गई है। एक तरफ पहले से ही मोनो का संचालन करना एमएमआरडीए के लिए काफी मुश्किल हो रहा है तो वही दूसरी ओर यात्रियों की कम संख्या के कारण अब एमएमआरडीए के सामने एक और आर्थिक चुनौती खड़ी हो गई है।


6 से 8 लाख का नुकसान
चेंबूर- वडाला मार्ग पर यात्रियों की संख्या शुरुआत से ही काफी कम है। एमएमआरडीए को इस मार्ग पर मोनो चलाने के लिए लाख का नुकसान उठाना पड़ता है। हालांकी इसके पहले भी मोनो में आग लगने की जो घटना सामने आई थी उससे भी एमएमआरडीए को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। इसके साथ ही जहां पहले मोनो रेल के एक ट्रिप के लिए 4600 रुपये खर्च करने पड़ते थे तो वही अब ये खर्च 10600 तक हो गई है।

1 नवंबर, 2017 में जहा मोनो रेल में हर दिन लगभग 15000 यात्री सफर करते थे तो वही दूसरी ओर 1 सितंबर 2018 तक सिर्फ 10000 यात्रियों ने ही मोनो में सफर किया।

से, मोनो ने 1 सितंबर से 15,000 यात्रियों की यात्रा की, 10 सितंबर से 10 हजार प्रति दिन ट्रैक पर यात्रा करने वाले लोगों की संख्या। हालांकी एमएमआरडीए'के सहप्रकल्प संचालक (जनसंपर्क) दिलीप कवठकर ने मुंबई लाइव से बात करते हुए कहा की उन्हे उम्मीद है की चेंबूर से जेकब सर्कल तक मोनो रेल सेवा शुरु होने के बाद मोनो रेल को फायदा होगा।


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