लॉकडाउन (lockdown) के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra government) की तरफ से लाइसेंसधारी रिक्शा चालकों (auto driver) के लिए अनुदान के रूप में 1500 देने की घोषणा की गई है। लेकिन इसी बीच परिवहन आयुक्त कार्यालय को शिकायतें मिली हैं कि कुछ ऑटो यूनियन चालकों से मैनुअल पद्धति से फॉर्म भरवा रहे हैं।
इसके बाद परिवहन आयुक्त कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि लाइसेंसधारी रिक्शा चालकों को सीधे उनके बैंक खातों में अनुदान राशि भेजी जाएगी, जिसके लिए एक पोर्टल बनाया जा रहा है।
परिवहन उपायुक्त ने सूचित किया कि, ऑनलाइन कार्यप्रणाली शुरू होने के बाद सभी संगठनों और ऑटोरिक्शा चालकों को एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से इस बारे में सूचित किया जाएगा। फॉर्म भरने या मैन्युअल रूप से आवेदन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए, किसी को भी इस तरह के फॉर्म नहीं भरने चाहिए।
बता दें कि, कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों का रिक्शा व्यवसाय पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। इसे ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने राज्य के 7 लाख 20 हजार लाइसेंस धारक ऑटोरिक्शा चालकों को 1500 रुपये अनुदान के रूप में देने का निर्णय किया है। इसके लिए 108 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वर्तमान में, रिक्शा चालकों को केवल दो यात्रियों को ले जाने की अनुमति है। चूंकि महाराष्ट्र में, तालाबंदी होने के कारण केवल अतिआवश्यक सेवाओं की ही अनुमति दी गई है
जिसके परिणामस्वरूप, सड़कों पर यात्रियों की संख्या न के बराबर है। नतीजतन, रिक्शा चालकों को यात्रियों के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। इससे रिक्शा चालकों की आजीविका के लिए एक बड़ी समस्या पैदा हो गई है।