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टोलबंदी के लिए जनहित याचिका


टोलबंदी के लिए जनहित याचिका
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मुंबई-पुणे एक्सप्रेस हाईवे पर टोल वसूली पूरी होने के बाद भी राज्य रास्ता विकास महामंडल एमएसआरडीसी और ठेकेदारों की ओर से टोल वसूली शुरु है। ये टोल वसूली तुरंत ही बंद करने की मांग को लेकर सरकार ने अभी तक कोई ठोस फैसला नहीं लिया है। जिसके बाद न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया गया है। आरटीआई अधिकारी औऱ टोल एक्सपर्ट विवेक वेलणकर ने इसकी जानकारी दी।

टोल वसूली की पूरी रकम 2869 करोड़ रुपये नवंबर 2016 में ही पूरा हो गया था। नियम के अनुसार टोल की रकम पूरी वसूलने के बाद टोल वसूली को बंद कर देनी चाहिय़े। लेकिन सरकार ने ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया। साल 2019 तक टोल वसूली करने का निर्णय लिया गया है। साल 2019 तक की टोल वसूली में टोल वसूली कंपनियों को 250 से 300 करोड़ तक की कमाई हो जाएगी।

कोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका में मांग की गई है की टोलवसूली को तुरंत ही बंद कर दिया जाए। साथ ही इस बात की भी मांग की गई की ठेकेदारों के लिए एक्सरो अकाउंट खोला जाए, जिसमें वह टोल से मिली हुई सारी रकम जमा करे। इस संबंध में अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।

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