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ऑटो और टैक्सी यूनियन की मांग, पूरी सवारी बैठाने की मिले अनुमति

राज्य सरकार ने ST और BEST की बसों में पूरी क्षमता के साथ यात्रियों को ढोने की अनुमति दी।लेकिन सरकार ने इस सुविधा से अभी तक टैक्सी और ऑटो वालों को वंचित रखा है।

ऑटो और टैक्सी यूनियन की मांग, पूरी सवारी बैठाने की मिले अनुमति
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मुंबई (mumbai) सहित राज्य में कोरोना (Covid19) का प्रकोप नियंत्रण में आता देख, राज्य सरकार ने ST और BEST की बसों में पूरी क्षमता के साथ यात्रियों को ढोने की अनुमति दी।लेकिन सरकार ने इस सुविधा से अभी तक टैक्सी और ऑटो वालों को वंचित रखा है।

सरकार के इस रवैये से नाराज रिक्शा (auto rikshaw) और टैक्सी (taxi) संघों ने दावा किया है कि, यात्रियों को पूर्ण क्षमता के साथ बैठाने की अनुमति नहीं मिलने से रिक्शा और टैक्सी चालकों की आय पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। संगठन ने आगे कहा, राज्य सरकार के साथ साथ बार-बार पत्राचार के बावजूद इस मुद्दे की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

मुंबई में इस समय 45,000 काली पीली टैक्सियां हैं। इनमें से 3,500 टैक्सियां 6 सीटर है, जबकि शेष टैक्सियां 4 सीटर है। कोरोना अवधि के दौरान लॉकडाउन (lockdown) घोषित किया गया। और जब अनलॉक (unlock) के दौरान सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट (public transport) में ढील दी गयी तो ऑटो और टैक्सी सीमित संख्या में सवारी बैठाने का आदेश दिया गया, जिस पर से अभी तक प्रतिबंध नहीं हटाया गया। फलस्वरू ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों की कमाई काफी कम हो गई।

इस बारे में संगठन ने कहा कि, लॉकडाउन की शुरुआत में डेढ़ महीने तक सड़क पर एक भी ऑटो और टैक्सी नहीं चली। 

उसके बाद जब अनलॉक शुरू हुआ तो ऑटो वालों को एक सवारी और टैक्सी वालों को 2 सवारी बैठाने की अनुमति दी गई। एक तो सड़क पर पहले से ही सवारियों की किल्लत है ऊपर से सवारियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जबकि एसटी और बेस्ट की बसों को पूरी क्षमता के साथ सवारियों को बिठाने की अनुमति दी गई है।

ड्राइवर केवल एक आवश्यक सेवा कर्मचारी को ले जाने की अनुमति देकर आय नहीं पैदा कर रहा था।  मई में, राज्य सरकार ने दो आपातकालीन सेवा कर्मियों के परिवहन की अनुमति दी।

टैक्सीमेन्स यूनियन के महासचिव ए. एल. क्वाड्रोस ने कहा कि, अगस्त महीने में, कुल 3 यात्रियों को टैक्सी में बिठाने की बात कही गई थी। लेकिन 3 महीने बीत चुके हैं, फिर भी पूर्ण यात्री क्षमता के साथ टैक्सी चलाने की मंजूरी अभी तक नहीं मिली है।

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