त्योहारों के मौसम में रेल और सरकारी बसों में टिकट मिलना काफी मुश्किल होता है , लिहाजा कई बार लोग प्राईवेट बसों के टिकट खरीद लेते है। त्योहारो के मौसम को देखते हुए प्राइवेट बसों के मालिक भी किराये में बेताहास बढ़ोत्तरी करते है, लेकिन अब सरकार ने इस प्राइवेट बसों के किराये पर लगाम लगाने का फैसला किया है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर द्वारा सभी आरटीओ को प्राइवेट बसों के खिलाफ अभियान छेड़ने का निर्देश दिया गया है।
न्यूनतम किराया लेने पर कोई बंदिश नहीं
इसके अलावा ट्रांसपोर्ट कमिश्नर द्वारा यात्रियों से भी परिवहन विभाग की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराने की अपील की गई है। आपको बता दे की बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद महाराष्ट्र सरकार ने प्राइवेट वाहनों के लिए किराया फिक्स किया था। इसमें कहा गया था कि प्राइवेट बस ऑपरेटर सरकारी बसों के प्रति किमी दर से अधिकतम 50 प्रतिशत अधिक किराया ले सकता है लेकिन न्यूनतम किराया लेने पर कोई बंदिश नहीं होगी।
हालांकी सरकार के इस फैसले के बाद भी प्राइवेट बसों के मालिक ने किराये में मनमानी बढ़ोत्तरी की। मुंबई से जोधपुर, पाली, सिरोही, आबू रोड, अंबा जी, उदयपुर के अलावा कोकण और गोवा जाने वाली प्राइवेट बसों में पीक में यात्रियों से लगभग दोगुना किराया वसूला जाता है। लिहाजा अब सरकार ने इनपर नकेल कसना शुरु कर दिया है।
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