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...तो इसलिए देरी से चलती है मध्य रेलवे !

मोटरमैन की संख्या कम होने के कारण कई बार मौजूदा मोटर्समैन को अतिरिक्त घंटे काम करना पड़ता है।

...तो इसलिए देरी से चलती है मध्य रेलवे !
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मुंबई की लोकल रेल को मुंबई की लाइफलाइन भी कहा जाता है। लेकिन मुंबई की मध्य रेलवे में अक्सर गाड़ियां या तो देरी से चलती है या फिर रद्द कर दी जाती है। और इसकी सबसे बड़ी वजह है मध्य रेलवे में मोटरमैन की कम संख्या । जहां मध्य रेलवे एक दिन में 1732 फेरियां चलाती है तो वहीं इसके पास सिर्फ 604 मोटरमैन ही है।


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रेलवे प्रशासन ने 834 मोटरमैनो की संख्या की मंजूरी दी है। बावजूद इसके मध्य रेलवे में सिर्फ 604 मोटरमैन है और 230मोटरमैन की जगह अभी भी खाली है। इतना ही नहीं इन मोटरमैन ने संख्याबल की कमी होने कारण हड़ताल का भी इशारा दे दिया है।

तो इसलिए कम है मोटरमैन की संख्या

रेल्वे विशेषज्ञ यशवंत जोगदेव ने बताया की असिस्टेंट ड्रायवर से मोटरमैन बनने के लिए 10 से 15 साल का समय लगता है। मुंबई की लोकल गाड़ियों की तकनीक नई है इसलिए मोटरमैन को इंजिनियर होना होता है। उसके कंप्युटर का ज्ञान होना आवश्यक है। इसके साथ ही मोटरमैन के लिए मानसिक तैयारी भी जरुरी है। जिसके कारण कई लोग इस पद के योग्य नहीं होते।


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रेलवे प्रवासी संघटना के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता का कहना है की पिछलें कई सालों से मोटरमैन की भर्ती का मुद्दा ऐसे ही पड़ा हुआ है। ये सिर्फ मोटरमैन का सवाल नहीं है , ये मुंबई की लोकल में सफर करनेवाले 80 लाख लोगों की जान का सवाल है। अगर कोई हादसा हो जाता है तो हम मोटरमैन को दोषी ठहराते है, लेकिन कई बार मोटरमैन की संख्या कम होने के कारण उन्हे भी ओवर टाइम करना पड़ता है।

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