अनिल परब (TRANSPORT MINISTER ANIL PARAB ) ने निलंबित कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। उन्होने कहा की विलय की मांग को लेकर हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को तत्काल सेवा में लौटना चाहिए। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के विरुद्ध भूतलक्षी प्रभाव से कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
एसटी निगम (ST BUS STRIKE ) के राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर एसटी कार्यकर्ताओं ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है। यह धरना पिछले एक महीने से अधिक समय से चल रहा है। इस संबंध में परिवहन मंत्री एवं अनुसूचित जनजाति निगम के अध्यक्ष मंत्री अनिल परब ने राज्य भर के डिपो में वाहनों की समीक्षा के साथ ही कर्मचारियों की उपस्थिति का जायजा लिया।
परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा, डी. हाईकोर्ट में 20 दिसंबर को हड़ताल पर सुनवाई होगी। अदालत द्वारा नियुक्त समिति से सुनवाई के दौरान प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की उम्मीद है। विलय पर अंतिम रिपोर्ट 12 सप्ताह के भीतर, यानी लगभग 20 जनवरी 22 को उच्च न्यायालय को सौंपी जाएगी। इसलिए न्यायिक प्रक्रिया को लेकर कर्मचारियों में पैदा भ्रम को दूर किया जाए।
हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासनिक मामला मानकर कार्रवाई की गई है। बहरहाल, काम पर आने को तैयार कर्मचारियों को सकारात्मक माहौल में लाने के लिए एसटी निगम ने निलंबन जैसी अप्रिय कार्रवाई को वापस लेने का अहम फैसला लिया है।
निलंबित कर्मचारियों को इस अवसर का लाभ मुख्य धारा में शामिल होने के लिए लेना चाहिए। ताकि भविष्य में संबंधितों को कानूनी कार्रवाई का सामना न करना पड़े। हड़ताल के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता, स्कूल, कॉलेज के छात्र, वरिष्ठ नागरिक आदि को बेवजह परेशानी हो रही है।
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