मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर तक फैले भारत के बुलेट ट्रेन रूट ने अपने 12 स्टेशनों में से चार-ठाणे, विरार, सूरत और साबरमती को SMART (स्टेशन एरिया डेवलपमेंट) पहल के तहत विकास के लिए चुना है।
इसे ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) के रूप में भी जाना जाता है, जिसका उद्देश्य यात्रियों की सुविधा में सुधार करना, भीड़भाड़ को कम करना और इन ट्रांजिट हब के आसपास वाणिज्यिक विकास को बढ़ावा देना है। (Thane and Virar Stations Set for Major Upgrades Under Bullet Train SMART Development Initiative)
पहुंच और शहरी विकास को बढ़ाना
SMART पहल पाँच मुख्य उद्देश्यों पर केंद्रित है। पहुंच में सुधार, विकास को बढ़ावा देना, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहित करना, राजस्व उत्पन्न करना है। प्रारंभिक चरण प्रत्येक स्टेशन के आसपास 200 मीटर के दायरे पर ध्यान ध्यान दिया जाएगा।
पिक-अप, ड्रॉप-ऑफ, पार्किंग और यात्री-अनुकूल सुविधाओं के लिए बुनियादी ढाँचा बनाया जाएंगा। स्टेशन से सड़को के बीच 200 से 500 मीटर के रास्ते बनाए जाएंगे। इस परियोजना के 10 साल मे पूरे होने की उम्मीद है। SMART स्टेशनों को मेट्रो लाइन, बस सेवा, टैक्सियों और ऑटो-रिक्शा सहित कई परिवहन विकल्पों के साथ जोड़ा जाएगा।
भारत की हाई-स्पीड रेल परियोजना 50% पूर्ण होने के करीब है, सूरत और बिलिमोरा के बीच 50 किलोमीटर की दूरी पर ट्रायल रन 2026 के मध्य तक होने की उम्मीद है।
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